इन दिनों कोविड मरीजों के लिए यूज की जा रही सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग का बुधवार को विधिवत उद्घाटन हो गया। करीब सालभर से इस अत्याधुनिक बिल्डिंग का लोकार्पण लंबित था। आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व केंद्रीय चिकित्सा मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए 150 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को जनता को समर्पित किया।
दिल्ली से केंद्रीय चिकित्सा राज्यमंत्री अश्वनी चौबे, प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, राज्य मंत्री सुभाष गर्ग सहित अन्य मंत्री, जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण मौजूद रहे। कोटा में इस विंग का निर्माण 150 करोड़ की लागत से किया गया है। यह भवन 5 मंजिला है, जिसमें 9 परम विशेषज्ञता वाले विभाग चलेंगे। इसमें 6 अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, एक माइनर ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू में 54 बेड, डायलिसिस में 12 बेड, कार्डियक की 8 रिकवरी बेड, पोस्ट ऑपरेटिव के 10 बेड की सुविधाएं हैं।
इस ब्लॉक में संभाग के मरीजों को नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी और कार्डियो थोरेसिक सर्जरी की सुविधाएं एक छत के नीचे मिलेंगी। कोटा से वीसी में संभागीय आयुक्त कैलाशचंद मीना, जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना, नोडल ऑफिसर डॉ. नीलेश जैन सहित चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया।
एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता की जांच कराए केंद्र : गहलोत
सीएम ने कहा कि राजस्थान ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। निशुल्क जांच एवं दवा योजना तथा निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो। सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सर्वाधिक प्रामाणिक है। राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां सभी टेस्ट इसी विधि से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों ने पूर्व में रेपिड टेस्टिंग किट के नतीजों पर सवाल उठाए थे।
इसके बाद पूरे देश में इस टेस्ट को बंद कर दिया गया। हाल ही देश के कई राज्यों में किए जा रहे रेपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी राजस्थान में रिसर्च किया तो परिणाम आशानुकूल नहीं मिले। इस संबंध में हमने आईसीएमआर को अवगत कराया है। गहलोत ने आग्रह किया स्वास्थ्य मंत्रालय इस टेस्ट के परिणामों की विश्वसनीयता की जांच कर उचित निर्णय लें।
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