राजस्थान यूनिवर्सिटी को जल्द स्थाई कुलपति मिलने की उम्मीद शुरू हो गई है। क्योंकि सर्च कमेटी ने कुलपति के लिए नामों का वापस पैनल बनाकर बुधवार को राजभवन भेज दिया है। इससे पहले राजभवन ने पैनल रद्द कर दिया था। कुलपति बनने के लिए आवेदन करने वाले 217 लोगों में से 5 नामों का पैनल राजभवन पहुंचा है। इनमें उन 4 नामों को शामिल नहीं किया गया, जिनका पहले पैनल में नाम था।
4 में से 1 सदस्य इस बार भी नही आए
कुलपति सर्च कमेटी में 4 सदस्य होते हैं। जिनमे से यूजीसी के नॉमिनी जी डी शर्मा इस बार भी मीटिंग में शामिल नही हुए। उनका कहना था कि नियमों के अनुसार यूनिवर्सिटी से जुड़ा कोई व्यक्ति सर्च कमेटी में नहीं होना चाहिए। चेयरमैन व गवर्नर नॉमिनी एस के दुबे, सिंडिकेट नॉमिनी आर डी सैनी और राज्य सरकार के नॉमिनी प्रो. पी सी त्रिवेदी ने पैनल बनाकर राजभवन भेज दिया। कमेटी के आर डी सैनी आरपीएससी के चेयरपर्सन रह चुके हैं। वहीं प्रो. त्रिवेदी जोधपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं।
प्रोसेस में लगा समय
कुलपति बनने के लिए सर्च कमेटी गठित होने के बाद एक महीने में शिक्षाविदों से आवेदन मांगे जाते हैं। इसके बाद मेंबर समय तय करके मीटिंग करते हैं। स्क्रूटनी के बाद 3-5 नामों का पैनल बनाकर राजभवन भेजते हैं। कुलपति का नाम राजभवन तय करता है, लेकिन आरयू के लिए सर्च कमेटी ने पैनल बनाकर भेजा था, जिसे राजभवन ने सरकार की सलाह पर रद्द कर दिया। अब वापस पैनल बनाया है। फिलहाल अलवर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो जेपी यादव को आरयू का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं।
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