मुस्लिम समुदाय रविवार को यौम ए आशूरा मनाएगा। कोविड-19 को देखते हुए इस बार ताजियों की सवारी नहीं निकलेगी। दरगाह में रखे खुद्दाम ए ख्वाजा के बड़े ताजिये की सवारी दरगाह में ही होगी और उसे झालरा में बने विशेष टैंक में परंपरागत रूप से सैराब किया जाएगा।
इधर, शनिवार को अंदरकोट में न हाईदौस खेला गया और न ही डोले शरीफ की सवारी निकली। पैगंबर साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके जां निसार साथियों की शहादत की याद में मुस्लिम समुदाय मोहर्रम की 10 तारीख को यौम ए आशूरा मनाता है।
गम के इस मौके पर हर साल दरगाह क्षेत्र के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में ताजिये और डोले शरीफ की सवारी निकलती है लेकिन इस बार कोविड-19 को देखते हुए केवल रस्म अदा की जा रही है।
शनिवार को मोहर्रम की 9 तारीख को हर साल बड़े ताजिये की सवारी छतरी गेट स्थित इमाम बारगाह से रवाना होकर छोटा चौक स्थित इमाम बाड़े पहुंचती थी, लेकिन इस बार छतरी गेट पर कोई आयोजन नहीं हुए।
खुद्दाम ए ख्वाजा ने बड़े ताजिये को मकबरे में ही रखा हुआ है। रविवार को भी सभी परंपराएं दरगाह में ही निभाई जाएंगी। अंजुमन सैयदजादगान के सदर सैयद मोईन हुसैन चिश्ती ने बताया कि सरकार औैर सुप्रीम काेर्ट की गाइड लाइन औैर काेराेना संक्रमण के चलते ताजियाें का जुलूस सार्वजनिक रूप से नहीं निकाला जा रहा है।
रोजे रखे, आज भी रखेंगे
यौम ए आशूरा के एक दिन पूर्व शनिवार को बड़ी संख्या में आशिकान ए हुसैन ने रोजे रखे। मगरिब की अजान से पूर्व इफ्तार कर रोजा खोला गया। घरों में महिला अकीदतमंद भी रोजे से रहीं। रविवार को भी बड़ी संख्या में आशिकान ए हुसैन रोजे रखेंगे।
कारोबार बंद रहेगा
इधर, यौम ए आशूरा के मौके पर दरगाह क्षेत्र में अकीदतमंद कारोबार बंद रखेंगे। अजमेर शहर मीट मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष इलियास कुरैशी ने बताया कि कुरैशी समाज भी कारोबार बंद रखेगा। घोसी समाज भी कारोबार बंद रखेगा।
सीढ़ियाें की धुलाई की, अगरबत्ती जलाई
अंदरकोट में हर साल मोहर्रम की 9 तारीख को हताई के पास ढाई दिन की झोंपड़े के सामने रात में छोटा हाईदौस खेला जाता है और डोला शरीफ को बना कर सीढ़ियाें पर रखा जाता है।
लेकिन इस बार न हाईदौस खेला गया और न ही डोला शरीफ बनाया गया। अकीदतमंदों ने ढाई दिन के झोंपड़े की सीढ़ियाें की धुलाई कर अगरबत्ती जलाई। अंदरकोट में शरबत आदि पर नियाज दिला कर तबर्रुक तकसीम किया गया।
पंचायत के मोहर्रम कन्वीनर एसएम अकबर ने बताया कि इस बार रविवार को भी डाेले शरीफ औैर हाईदाैस की रस्में नहीं हाेगी।
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