सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक माॅडल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) विकसित किए जाएंगे। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को प्रारूप तैयार करने तथा आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। माॅडल सीएचसी में सभी तरह की जांच और इलाज सुविधाएं विकसित करने के लिए विधायक कोष से राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वह सोमवार को कोरोना के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के समय चिकित्सा सुविधाओं में किसी तरह की कमी नहीं रहे और ग्रामीण क्षेत्रों में भी आमजन को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हों, इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। कहा कि माॅडल सीएचसी के लिए संबंधित क्षेत्र के विधायक की भी राय ली जाए।
बारिश में निमोनिया व कोरोना से बचाव के विशेष प्रयास करें
सीएम ने कहा कि बारिश के मौसम में निमोनिया की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में निमोनिया के साथ कोरोना का संक्रमण होना गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग विशेष एहतियात बरतते हुए निमोनिया और कोविड-19 दोनों के संक्रमण को रोकने के सभी उपाय करें। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को भी हेल्थ प्रोटोकाॅल की अनुपालना सख्ती से करवाने के निर्देश दिए।
हेल्थ प्रोटोकाॅल की कड़ाई से पालना हो। बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु की दर अभी 0.97% है, जो पूरे देश के औसत एवं अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है। राजस्थान के कई जिलों में रिकवरी रेट 90% से भी अधिक है तथा पूरे प्रदेश का रिकवरी दर लगभग 88% है। उन्होंने कहा कि फोकस्ड टेस्टिंग की जा रही है। और प्रतिदिन करीब 30 हजार सैम्पल लिए जा रहे हैं।
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