बीदासर के एक युवक ने अपने दोस्त के जरिए तीन युवकों को ढाई लाख रुपए की सुपारी देकर अपनी प्रेमिका के पति की जयपुर में हत्या करवा दी। जयपुर पुलिस द्वारा तीन युवकों को गिरफ्तार व एक बाल अपचारी को निरुद्ध किए जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ।
आरोपियों ने तीन बार पहले ही हत्या का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। जानकारी के अनुसार जयपुर के चंदवाजी थाना क्षेत्र में 7 अगस्त को एनएच 8 पर एक व्यक्ति का शव मिला था। मामला हत्या का होना पाया गया।
मामला दर्ज करने के बाद एएसपी ज्ञानचंद यादव के निर्देशन और सीओ जमवारामगढ़ लाखन सिंह व चंदवाजी थानाधिकारी विक्रांत शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। मृतक की पहचान मूलतः नागौर हाल कालवाड़ रोड जयपुर स्थित दिव्या जेन्ट्स पार्लर के मालिक दीनदयाल सैन के रूप में हुई।
पुलिस पड़ताल में उसकी दुकान के आसपास लगे सीसीटीवी में घर से दुकान जाते समय मृतक को एक बोलेरो कैंपर गाड़ी में डालने के फुटेज मिले। उसके बाद घटनास्थल के पास के टोल नाकों की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मे एक संदिग्ध गाड़ी आती-जाती दिखी।
जिसके नम्बरों के आधार पर चंदवाजी पुलिस टीम चूरू जिले के राजलदेसर व बीदासर में पहुंची। वहां जानकारी जुटाई। वहां अहम सुराग हाथ लगा।
पुलिस ने मामले में रामचंद्र पुत्र लिछमणाराम जाट व अरविंद उर्फ मोंटी पुत्र जयप्रकाश माली निवासी राजलदेसर और विक्रमसिंह पुत्र राजूसिंह दरोगा राजपूत निवासी बीदासर को गिरफ्तार किया। मामले में एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया।
अगस्त को हत्या कर फेंका था शव, एक बाल अपचारी निरुद्ध व तीन आरोपी गिरफ्तार, हथियार व बोलेरो बरामद
प्रेमी को पता चला तब अपने दोस्त की सहायता से तीन जनों को ढाई लाख रुपए की सुपारी दी : इस बात की जानकारी रवि भोजक को लगी। तब उसने प्रेमिका के पति दीनदयाल को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
रवि ने अपने मित्र विक्रम सिंह की सहायता ने दीनदयाल सेन की हत्या के लिए राजलदेसर के विष्णु आचार्य, रामचन्द्र चौधरी व अरविन्द उर्फ मोन्टी को 2.50 लाख रुपए की सुपारी दे दी। बतौर एडवांस रवि भोजक ने विक्रम सिंह के जरिए विष्णु आचार्य के बैंक अकाउंट में 1.05 लाख रुपए जमा करवाए।
3 बार नाकाम रहने पर चौथी बार में गला दबाकर की हत्या
इसके बाद 13 जुलाई को विक्रम सिंह ने विष्णु आचार्य को जयपुर में मृतक की दुकान व घर की रैकी करवायी। इसके बाद तीनों ने गत 20, 28 व 29 जुलाई को चूरू से जयपुर आकर दीनदयाल सैन की हत्या करने का प्रयास किया। बदमाशों को हत्या का मौका नही मिला।
आखिरकार, 6 अगस्त को विष्णु आचार्य, रामचंद्र जाट व एक नाबालिग जयपुर आए। उन्होंने घर से दुकान जा रहे दीनदयाल सैन का हथियार की नोक पर बोलेरो कैंपर में डालकर अपहरण कर लिया। इसके बाद उसे चंदवाजी में पहाड़ियों में सुनसान जगह ले गये।
वहां गला दबाकर हत्या कर दी और शव को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर देव का हरवाड़ा के पास एक नाले की झाड़ियों में फेंककर भाग गए।
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