राजस्थान में कोरोना से अबतक 1108 मौतें हो चुकी हैं। अगस्त में सबसे ज्यादा 414 मरीजों की मौतों का आंकड़ा सामने आया था। भीलवाड़ा में कोरोना से सबसे पहले एक व्यक्ति ने 18 मार्च को दम तोड़ा था। जयपुर में अब तक सर्वाधिक 281 लोगों की जान जा चुकी हैं। अबतक के मौत के आंकड़ो में 10 साल तक के 107 बच्चे भी शामिल हैं। जुलाई में 266, जून में 218, मई में 135, अप्रैल में 57 व मार्च में एक मौत हुई थी।
संपूर्ण राजस्थान की ओर से दैनिक भास्कर का यह शोक संदेश उन 1108 शोकाकुल परिवारों के लिए है, जो अपने प्रियजनों की अंतिम विदाई और अंतिम संस्कार जैसी रस्में तक नहीं निभा पाए। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपकी पीड़ा कम हाे और हमारे अपनों को छीनने वाली काेराेना महामारी हमेशा के लिए दूर हाे।
अगस्त में सबसे ज्यादा मौतें, 414 मरीजों ने जान गंवाई
- सबसे पहली मौत : राजस्थान में कोरोना ने भीलवाड़ा में सबसे पहली जान ली थी। यहां कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति ने 18 मार्च को दम तोड़ा था।
- सबसे ज्यादा मौतें : जयपुर में अब तक सर्वाधिक 281 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं जोधपुर में 189 काेरोना संक्रमित दम तोड़ चुके हैं।
- सबसे कम मौतें : प्रदेश में तेजी से पैर फैला रहे कोरोना ने हनुमानगढ़ और झालावाड़ जिले में सबसे कम जान ली है। यहां इस रोग से संक्रमित 2-2 मरीज की मौत हुई है।
- सबसे कम उम्र के शिकार: अब तक राजस्थान में कोरोना के कारण जितने रोगियों ने दम तोड़ा है, उनमें 10 साल तक के 107 बच्चे भी शामिल हैं।
- सबसे खतरनाक महीना : अगस्त में अब तक की सर्वाधिक 414 मौतें हुईं। जुलाई में 266, जून में 218, मई में 135, अप्रैल में 57 व मार्च में एक मौत हुई थी।
- सबसे ज्यादा खतरा : कोरोना से सर्वाधिक खतरा 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों को है। प्रदेश में ऐसे 30% लोग पहले से कोई न कोई गंभीर बीमारी है।
- सबसे ज्यादा एक्टिव रोगी : अगस्त में 13825 रहे। मार्च में 90, अप्रैल में 1543, मई में 972, जून में 770, जुलाई में 8183 थे।
- सबसे ज्यादा संक्रमित जिले : टॉप-5 में जोधपुर (कुल 13852 मरीज), जयपुर (12111), अलवर (8070), कोटा (5981) और बीकानेर (4691)
शोक संदेश
प्रिय प्रियजन,
अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि अब तक हमारे राजस्थान के 1108 लोगों का कोरोना महामारी की वजह से असमय स्वर्गवास हो चुका है। सबसे गहरी पीड़ा ये है कि इन अपनों से आखिरी बार लिपटकर नहीं रो पाने की टीस हमारे दिलों से कभी नहीं जाएगी। मृत्यु का दर्शन सब जानते हैं, लेकिन काेराेना से हुई माैताें ने दिल के हर जर्रे काे दर्द से भर दिया है।
मासूम बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी काे इस महामारी ने बेरहमी से मारा है। ऐसा दर्द कि अंतिम संस्कार की रस्में भी नहीं निभीं और न ही आखिरी विदाई दी जा सकी। अंतिम दर्शन तक नहीं हो पाए। श्रद्धांजलि सभा और तीये की बैठक में इनकी आत्मा को शांति देने के लिए प्रार्थनाएं भी नहीं की जा सकीं। दर्द यहीं खत्म नहीं हुआ है। मर्ज बढ़ने की रफ्तार के साथ-साथ कुछ न कर पाने की विवशता की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है।
अपनों की ऐसी विदाई की बेबसी ने बतौर मीडिया हमें भी झकझोर दिया है। काेराेना समय से पहले जिन्हें अपने साथ ले गया, उनका लौटना ताे मुमकिन नहीं, पर हम इस अपार पीड़ा के सहभागी जरूर बन सकते हैं। संपूर्ण राजस्थान की ओर से दैनिक भास्कर का यह शोक संदेश उन 1108 शोकाकुल परिवारों के लिए है, जो अपने प्रियजनों की अंतिम विदाई और अंतिम संस्कार जैसी रस्में तक नहीं निभा पाए। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपकी पीड़ा कम हाे और हमारे अपनों को छीनने वाली काेराेना महामारी हमेशा के लिए दूर हाे।
शोकाकुल
संपूर्ण राजस्थान
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