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बुधवार, 2 सितंबर 2020

पिछले साल अनंत चतुर्दशी पर शहर के माधव सागर में 146 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया था, इस बार एक भी नहीं

इस बार अनंत चतुर्दशी पर माधव सागर की तस्वीर हर बार से अलग थी। माधव सागर पर दिनभर सन्नाटा रहा। इसकी वजह रही, लोगों के पर्यावरण के प्रति जागरूकता।

भास्कर के अभियान के तहत इस बार बड़ी संख्या में लोगों ने मिट्‌टी के गणेश की प्रतिमा विराजित की। इसके अलावा घरों में ही पानी के पात्र और गमलों में प्रतिमा का विसर्जन किया गया।

इस वजह से शहर का प्रमुख तालाब सूनसान रहा। लोगों में जागरूकता के अलावा इसकी एक वजह कोरोना की गाइडलाइन भी रही।
पिछले साल 146 प्रतिमाएं विसर्जित की थीं : सीओ स्काउट बसंत लाटा ने बताया 15 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है, जब माधव सागर में एक भी प्रतिमा विसर्जित नहीं की गई। पिछले साल स्काउट के सदस्यों ने मिलकर 146 प्रतिमाओं के अवशेष बाहर निकाले थे। इस बार लोगों ने घरों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया, जो पर्यावरण को बचाने के लिए बेहद जरूरी भी है।
लेकिन तालाब में कचरा फेंकने की आदत से भी बचना होगा
सोमवार को माधव तालाब स्वच्छ नहीं था। पानी में कचरा पड़ा था। इसके लिए भी हमें जागरूक होना होगा। तालाब में कचरा फेंकने की आदत से बचना होगा, तभी हम पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान दे पाएंगे।



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Last year, 146 Ganesh idols were immersed in Madhav Sagar of the city on Anant Chaturdashi, this time not one.