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मंगलवार, 15 सितंबर 2020

इंजीनियर भी हैं राज्यपाल-मुख्यमंत्री के सचिव-प्रमुख सचिव, राजसमंद सहित प्रदेश के 14 जिलाें के कलेक्टर

देश की उच्च सेवाओं में इंजीनियरों के जाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से भी इंजीनियरिंग करने वाली प्रतिभाओं की अब पहली पसंद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय वन सेवा (आईएफएस) आदि है। मंगलवार को इंजीनियर्स डे है। भास्कर ने उच्च सेवा क्षेत्र पर नजर डाली तो सामने आया कि राजस्थान प्रदेश में नियुक्त 523 आईएएस-आईपीएस-आईएफएस अधिकारियों में 133 यानी 25.43 प्रतिशत अफसर इंजीनियर हैं। 232 आईएएस में 63, 187 आईपीएस में से 46 और 104 आईएफएस में 24 इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं। यही नहीं, राज्यपाल कलराज मिश्र के सचिव सुबीर कुमार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रिंसिपल सेक्रेट्री कुलदीप रांका भी इंजीनियरिंग किए हुए हैं। राजसमंद कलेक्टर अरविंद पोसवाल सहित प्रदेश के 33 में से 14 जिलों यानी 42.42 प्रतिशत प्रदेश की कमान इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के 15 आईएएस अफसर बतौर जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट संभाल रहे हैं। प्रदेश के 6 जिलों में पुलिस अधीक्षक भी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के हैं। उदयपुर संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले भी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के अफसर हैं।

इंजीनियर से अधिकारी : प्रदेश के 14 जिलों के कलेक्टर सहित कई आईपीएस भी हैं इंजीनियर

राजसमंद कलेक्टर अरविंद पोसवाल, बांसवाड़ा कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, बारां कलेक्टर इंद्र सिंह, जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, जोधपुर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह, भीलवाड़ा कलेक्टर एन. शिवप्रसाद, जालोर कलेक्टर हिमांशु गुप्ता, सीकर कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी, बूंदी कलेक्टर आशीष गुप्ता, पाली कलेक्टर अंशदीप, टोंक कलेक्टर गौरव अग्रवाल, जैसलमेर कलेक्टर आशीष मोदी, दौसा कलेक्टर पीयूष सामरिया।

और ये इंजीनियरिंग के बाद बने आईपीएस
राजसमंद एसपी भुवन भूषण यादव, चूरू एसपी देशमुख पारिस अनिल, जयपुर सीआईडी क्राइम ब्रांच एसपी विकास शर्मा, जोधपुर ग्रामीण एसपी राहुल, सवाई माधोपुर एसपी सुधीर चौधरी और कोटा सिटी एसपी गौरव यादव।

इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के अफसर तकनीकी कामों को आसानी से समझ और करवा पाते हैं : सुबीर कुमार
राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, यूआईटी, पीएचडी सहित तमाम डिपार्टमेंट्स में इंजीनियरिंग होती है, जिसे इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के अफसर बेहतर तरीके से आत्मसात कर पाते हैं।

इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी क्रेक करना आसान
राजसमंद कलेक्टर अरविंद पोसवाल बताते हैं कि इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी की तैयारी करना आसान रहता है। प्रीलिम्स पेपर में गणित, अंग्रेजी के एनालिटिकल एबिलिटी के प्रश्न आते हैं। इससे यूपीएससी क्रेक करने में आसानी रहती है। इंजीनियरिंग के बाद प्रशासनिक अधिकारी को किसी भी चीज का डाटा एनालिसिस उसके सार तक पहुंचने में भी सुविधा बनी रहती है।



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अरविंद पोसवाल