सड़क हादसों में होने वाली मौतों 50 प्रतिशत तक की कमी लाने को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में बड़ी कवायद चल रही है। दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की वेबीनार में राजस्थान के पूर्व परिवहन मंत्री युनूस खान भी दिखे। यानी प्रदेश की राजनीति में उनका भले दखल नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार खासकर परिवहन मंत्रालय में पूरी तवज्जो मिल रही है।
देश के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का चेयरमैन रहते खान ने ही राज्यों के परिवहन मंत्रियों से बातचीत के बाद संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का ड्राफ्ट बनवाया था। देश में एक्ट लागू हुए एक साल हो गया है और इसी के चलते वेबीनार में पूर्व मंत्री विशेष तौर पर शामिल किए गए।
बेवीनार में पूर्व परिवहन मंत्री युनूस खान भी, राजमार्गों के लिए विश्व बैंक-एडीबी मदद करेंगे
- सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए 1400 करोड़ से राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक्सीडेंटल जोन को सुधारा जाएगा। इसके लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से 700-700 करोड़ मिलेंगे।
- देश में हर साल सड़क हादसों में 1.50 लाख मौते होती हैं। इनमें से 53000 राजमार्गों पर होती हैं। खान ने वेबिनार में कहा हर राज्य की सरकारों को तमिलनाडु मॉडल पर काम करना होगा।
- 9 राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ विचार में आया कि देशभर में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है।
हर साल रोड सेफ्टी सेल के माध्यम से सड़क सुरक्षा जागरूक अभियान के तहत 40 से 50 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा घटने की अपेक्षा बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना वाली जगहों को सुधारा जाएगा। सड़क सुरक्षा के लिए विश्वविधालयों, कॉलेजों, शैक्षिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, राज्य सरकारों के माध्यम से जनजागृति अभियान शुरू किए जाएंगे। अपने-अपने क्षेत्र के सांसद अपने क्षेत्र में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के बारे में रिपोर्ट देंगे।
इसमें जगह, कारण और सुधार के लिए सुझाव दिए जाएंगे। प्रत्येक राज्य में स्थापित सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की कार्य की समीक्षा होगी। हाईवेज पर ट्रक ड्राइवरों के ठहरने, खाना-पीने के लिए पीपीपी मोड पर होटलों का निर्माण किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल रोड सेफ्टी सेल के माध्यम से सड़क सुरक्षा जागरूक अभियान के तहत 40 से 50 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा घटने की अपेक्षा बढ़ रहा है। अभियान के शुरूआत तीन साल में तो सड़क हादसों, मौतों में कमी आई, लेकिन गत वर्ष वापस से बढ़ोतरी हो गई।
हर साल रोड सेफ्टी सेल के माध्यम से सड़क सुरक्षा जागरूक अभियान के तहत 40 से 50 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा घटने की अपेक्षा बढ़ रहा है।
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