(शिवांग चतुर्वेदी) रेलवे मंत्रालय यात्री सुविधा और संरक्षा को बेहतर बनाने के नाम पर रेलवे में आए दिन नित नए बदलाव कर रहा है। आगामी 21 सितंबर से इसी दिशा में एक और प्रयोग करते हुए रेलवे देशभर में क्लोन ट्रेनें शुरू कर रहा है। यानि एक ट्रेन के जैसी ही दूसरी ट्रेन चलाए जाना, ताकि यात्रियों को सहूलियत हो सके।
23 सितंबर से अहमदाबाद से जयपुर होते हुए दिल्ली के लिए भी आश्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस की क्लोन ट्रेन चलाई जाएगी। इस ट्रेन का बस टाइमिंग थोड़ा समान होगा, बाकी कुछ नहीं। क्लोन ट्रेन स्टॉपेज कम होंगे, साथ ही इसका किराया सामान्य ट्रेन के 15 से 20 फीसदी अधिक होगा। हालांकि रेलवे बोर्ड ने अभी इस ट्रेन में जयपुर की सीटों की संख्या निर्धारित नहीं की है। लेकिन 1180 सीटों की इस ट्रेन में जयपुर को करीब 150 सीट का कोटा मिल सकता है। फायदा कितना मिलेगा ये ट्रायल मेंं दिखेगा।
जिन रूट्स पर वेटिंग ज्यादा वहां चलेंगी क्लोन ट्रेन, भविष्य में निजी कंपनियों को मिल सकते हैं ये रूट
मौजूदा ट्रेन जिसकी वेटिंग लिस्ट बहुत ज्यादा है, उसके लिए एक और ट्रेन की व्यवस्था की जाएगी। इस ट्रेन का अलग नंबर भी होगा और वह मुख्य ट्रेन के प्रस्थान के कहीं से एक घंटे बाद या कहीं से पहले चलेगी। क्लोन ट्रेनें भी उसी रूट पर और उसी प्लेटफॉर्म से जाएंगी, जो वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को लेकर जाएंगी। इससे वेटिंग टिकट वाले यात्री करीब-करीब उसी समय पर बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएंगे। लेकिन उन्हें किराया हमसफर का देना पड़ेगा।
इस ट्रायल रूट का सच- जिस रूट पर क्लोन ट्रेन दौड़ेगी, उसी पर राजधानी अभी खाली चल रही है
दिल्ली से जयपुर होते हुए अहमदाबाद रूट पर आश्रम सुपरफास्ट ट्रेन की क्लोन ट्रेन 23 सितंबर से शुरू होगी। लेकिन इसी रूट पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन 50 फीसदी से भी कम ऑक्यूपेंसी पर दौड़ रही है। वहीं कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, पटना, हावड़ा, सियालदाह जैसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय रूट पर ट्रेनों की भारी कमी है। जबकि वर्तमान में इन रूट पर जो एक दो ट्रेन संचालित हो रहीं है, वो फुल ऑक्यूपेंसी के साथ ऑपरेट की जा रही है।
इस ट्रेन में एडवांस बुकिंग की सुविधा यात्रा की तारीख से दस दिन पहले से शुरू होगी। ये ट्रेन भी पूरी तरह आरक्षित होगी। इस ट्रेन में हमसफर ट्रेन का रैक उपयोग में लिया जाएगा। ट्रेन में 12 थर्ड एसी और चार स्लीपर श्रेणी के कोच होंगे।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन ट्रेनों को चलाए जाने से एक और यात्रियों को तो कुछ हद तक राहत मिलेगी ही, लेकिन इसके संचालन से रेलवे को भी निजी कंपनियों द्वारा ट्रेनों को चलाने से जुड़ा अनुभव होगा। रूट तय करने में मदद मिलेगी। रेलवे इन ट्रेनों से यह मॉनिटरिंग करेगी कि अगर इन्हें निजी कंपनियां संचालित करेगी, तो रिस्पॉन्स कैसा रहेगा। अगर इनका संचालन सफल रहा तो भविष्य में इन्हीं ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपा जाना संभव है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today