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शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

एसओजी ने युवक पर 25 हजार का इनाम रखा, नागौर पुलिस की मदद से सीआईडी ने पकड़ा, एसओजी ने उसे छोड़ दिया

प्रदेश की पुलिस एजेंसियों की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मसला फर्जी दस्तावेज के मामलों में फरार इनामी युवक की गिरफ्तारी से जुड़ा है। वाहनों के फर्जी दस्तावेज के मामले में अनुसंधान कर रही एसओजी ने कुछ महीनों पहले नागौर के एक युवक कुशालराम पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।

इस बीच मंगलवार को नागौर पुलिस की मदद से सीआईडी ने युवक को दबोच लिया और फिर उसे एसओजी के हवाले कर दिया। एसओजी ने युवक को एक तरह से क्लिन चिट देते हुए छोड़ दिया। एसओजी का तर्क था कि पहले उसकी तलाश थी इसलिए इनाम घोषित कर दिया था। अनुसंधान में उस पर आरोप साबित नहीं हुए और इस आधार पर उसे अब आरोपी नहीं माना है। सीआईडी पकड़कर लाई थी। हमने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। अनुसंधान में आरोप सामने आते हैं तो फिर गिरफ्तार कर लेंगे।
सीआईडी-सीबी, नागौर जिला पुलिस और एसओजी के अपने-अपने तर्क
हमें जानकारी मिली तो हमने वांछित पकड़ लिया

एसओजी ने कुछ महीनों पहले जिस युवक पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था, उसके बारे में हमें सूचना मिली। हमारी टीम ने मंगलवार को उसे नागौर से पकड़ लिया। मामला, एसओजी का था इसलिए उसे सुपुर्द कर दिया गया। एसओजी कह रही है कि अब वह हमारे मामले में फिलहाल आरोपी नहीं है। -एमएल लाठर, डीजी, सीआईडी-सीबी
हमने सीआईडी-मुख्यालय को सौंपा, आगे पता नहीं
सीआईडी-सीबी के वांछित बदमाश कुशालराम को पांचोड़ी थाने से पकड़कर मुख्यालय को सौंप दिया था। हमें जानकारी मिली थी कि उस पर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित है। आगे क्या हुआ इसकी जानकारी हमें नहीं है। सीआईडी क्राइम टीम को हमने नागौर में ही इनामी कुशालराम को सौंप दिया था। -श्वेता धनखड़, एसपी नागौर
जांच के दौरान नए तथ्य सामने आए तो छोड़ दिया
पहले जो जांच अधिकारी थे उन्होंने आरोपी मानते हुए इनाम करवाया था। अनुसंधान में नए फैक्ट सामने आए हैं, जिसके आधार पर हम उसे आरोपी नहीं मान रहे हैं। हमने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया है। जब भी बुलाएंगे वह आ जाएगा। उसके खिलाफ आरोप प्रमाणित होते हैं तो उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। -अशोक राठौड़, एडीजी, एसओजी



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सवाल- जांच में युवक पर आरोप साबित नहीं हो रहे थे तो एसओजी ने इनाम रद्द कर जानकारी एजेंसियों को क्यों नहीं दी?