सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक शरद शर्मा की माैत का मामला गरमाता जा रहा है। ब्राह्मण समाज के साथ-साथ अब समाज कल्याण अधिकारी संघ भी जिला परिषद सीईओ के नाेटिस के विराेध और मामले की उच्च जांच कराने के पक्ष में उतर आ या है।
संगठन के पदाधिकारी शुक्रवार काे जयपुर में विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव ओमप्रकाश बुनकर से मिले और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने की मांग की है। संगठन ने विभाग के तीन अधिकारियाें की एक कमेटी भी गठित की है। यह कमेटी तीन दिन में तथ्यात्मक रिपाेर्ट देगी।
इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. एसएल पहाड़िया ने बताया कि शरद शर्मा समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में कर्मठ अधिकारी थे, लेकिन आश्चर्यजनक है कि जिस सामाजिक सुरक्षा पेंशन काे कारण मानते हुए जिला परिषद सीईओ गाेपालराम बिरड़ा ने नाेटिस दिया उसमें याेजना की जांच, स्वीकृति एवं भुगतान से संबंधित विभाग के किसी भी अधिकारी की किसी भी स्तर पर भूमिका नहीं है।
शरद शर्मा की कर्मठता के कारण भीलवाड़ा जिला कभी भी प्रदेश में पांचवीं रैंक से नीचे नहीं आया। इसके बावजूद जिला परिषद सीईओ की ओर से अकारण नाेटिस देने से वे काफी परेशान ओर सदमे में थे। नाेटिस जारी करने से पहले जिला परिषद सीईओ काे उन्हाेंने पेंशन याेजना में उनकी काेई भूमिका नहीं हाेने से अवगत भी करवाया था, लेकिन सीईओ ने हठधर्मिता के कारण सभी तथ्याें काे नजरअंदाज कर दिया। इस दाैरान संघ के अध्यक्ष अतिरिक्त निदेशक डाॅ. पहाड़िया, उप निदेशक दिलबाग सिंह, उप निदेशक बीपी चंदेल, उप निदेशक अरविंद सैनी, सहायक निदेशक मनोज आर्य, सहायक निदेशक सत्यपाल एवं कई अधिकारी माैजूद थे।