कोरोना संक्रमित मरीजों के बढ़ने के साथ ही दायरा भी बढ़ता जा रहा है। शहर के हालात ये हैं कि अधिकतर क्षेत्रों के लोगों को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है। सचिवालय, स्वास्थ्य भवन, सीफू झालाना, सेठी कॉलोनी सीएमएचओ ऑफिस, राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के बाद हाई कोर्ट व सेशन कोर्ट में संक्रमित केसेज मिल रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सेशन कोर्ट की डिस्पेन्सरी का स्टाफ भी पॉजिटिव मिला है। शहर में बुधवार को 311 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं और दो लोगों की मौत हुई है। अब तक जयपुर में 13672 पॉजिटिव में से 292 की मौत हो चुकी है। मौजूदा स्थिति में एक्टिव केसेज 4830 हैं। सबसे चौंकाने वाली जानकारी ये है कि 21 ऐसे पॉजिटिव मिले हैं, जिनका नाम-पता ही सही नहीं लिखा हुआ है।
ऐसे में कान्टेक्ट ट्रेसिंग भी नहीं होने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। सरकार ने जांच कराने वालों से नाम, पता और मोबाइल नंबर सही लिखने तथा बिना वजह घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। निकले तो सोशल डिस्टेसिंग और मास्क लगाकार ही बाहर निकलें।
कहां-कितने नए कोरोना मरीज मिले
मानसरोवर-37, मालवीय नगर-27, सांगानेर-26, झोटवाड़ा-21, जगतपुरा-12, दुर्गापुरा, सोढ़ाला में 10-10,गोपालपुरा,-7, जवाहर नगर, सेन्ट्रल जेल, आदर्श नगर, अजमेर रोड, गांधी नगर में 6-6, चाकसू, बापू नगर, चांदपोल, सी-स्कीम, झालाना, मुरलीपुरा, राजापार्क, शास्त्री नगर में 5-5, भांकरोटा, ब्रह्मपुरी, अंबाबाड़ी, विद्याधर नगर में 4-4, आमेर, बस्सी, महेश नगर, फागी, सांभर, सिरसी, वैशाली नगर में 3-3, दूदू, जेएलएन मार्ग, कोटपूतली, लूनियावास, एमडी रोड, फुलेरा, रामगंज, सीतापुरा, टोंक फाटक में दो-दो मिले है। इसी तरह से हसनपुरा, गुर्जर की थड़ी, चाकसू, सिविल लाइंस, बनीपार्क, जोबनेर, किशनपोल, सीकर रोड, एसएमएस, तिलक नगर में एक-एक पॉजिटिव मिला है।
नगर निगम का आधा स्टाफ मेडिकल लीव पर...फिर भी लापरवाही
नगर निगम के चार जोन (आमेर, हवामहल पूर्व व पश्चिम तथा मोतीडूंगरी) में डीसी और कई अफसर-कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। इनके संपर्क में आने वाले अफसर-कर्मचारी भी होम आइसोलेट हो गए हैं। आधा स्टाफ मेडिकल लीव पर है। ...फिर भी, लापरवाही जारी है। स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए के लोन के लिए बुधवार को आवेदकों की भीड़ लगी। बिना सोशल डिस्टेंसिंग व बिना मास्क। इनके संपर्क में निगम के कई कर्मचारी आए।
ईएसआई अस्पताल खुद ‘वेंटीलेटर’ परन आईसीयू ना सीटी-स्कैन जांच सुविधा
कोविड के बढ़ रहे संक्रमित मरीजों को देखते सरकार ने अजमेर रोड स्थित 300 बेड वाले ईएसआई मॉडल अस्पताल को डेडिकेटेड अस्पताल बनाया है। लेकिन मौजूदा स्थिति में अस्पताल खुद ही वेंटीलेटर पर है। किसी मरीज की गंभीर हालत होने पर न तो आईसीयू और ना ही बैड पर जीवन रक्षक उपकरण। गंभीर मरीजों के लिए बनी आईसीयू पिछले तीन साल से बंद है। अधिकारी कह रहे हैं- पहले सुविधा विकसित करेंगे, इसके बाद में कोविड मरीजों का इलाज करेंगे। कोविड सेन्टर बनने के बाद अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों को भी परेशानी तय है।
देखिए- ये है डेडिकेटेड कोविड अस्पताल
1. मरीज की तबीयत बिगड़ने पर जीवन रक्षक उपकरणों का आईसीयू नहीं।
2. सुपरस्पेशलिटी डॉक्टर नहीं।
3. आॅक्सीजन सप्लाई सिस्टम ठप है।
4. खून जमने पर कोग्लेशन प्रोफाइल जांच सुविधा नहीं। खून जमने की स्थिति में समय पर पता नहीं लगने पर मरीज की मौत हो सकती है।
5. संक्रमण व फेफड़ों की स्थिति पता करने के लिए सीटी-स्कैन जांच सुविधा भी नहीं है। इसके लिए एसएमएस या अन्य अस्पताल भेजना पड़ेगा।
6. मरीजों को लाने ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी एक ही है।
आरयूएचएस में भी ‘सीटी-स्कैन’ जांच सुविधा नहीं
प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस प्रदेश का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल है। हैरानी की बात ये है कि कोविड मरीजों के लिए अहम मानी जाने वाली सीटी-स्कैन जांच सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जांच के लिए मरीजों को एसएमएस या अन्य अस्पतालों में भेजना पड़ता है। सवाल उठता है कि महत्तवपूर्ण जांच सुविधा विकसित करने के लिए किसी के मन में भी विचार क्यों नहीं आया। आरयूएचएस में सीटी-स्कैन जांच सुविधा नहीं होने से मरीजों को भटकना पड़ता है।
प्रदेश के 32% एक्टिव मरीज अकेले जयपुर में
प्रदेश में 15108 एक्टिव मरीजों में से जयपुर में 4830 एक्टिव केस, संक्रमितों का आंकड़ा 13672
जयपुर में कोरोना वायरस का संक्रमण भयावह स्थिति में आ गया है। अब तक के कोरोना संक्रमित आंकड़ों के लिहाज से 13929 मामलों के साथ जोधपुर पहले नंबर पर है, लेकिन एक्टिव मरीजों के मामले में जयपुर का प्रदेश में पहला नंबर है। प्रदेश में 15108 कोरोना मरीज है जिनमें से 32 फीसदी यानी 4830 मरीज अकेले जयपुर में ही है।
एक्टिव मामलों के लिहाज से कोटा दूसरे नंबर पर है, जहां 2437 और जोधपुर में 1676 एक्टिव मरीज रह गए हैं। इस मामले में अब जोधपुर प्रदेश में तीसरे नंबर पर है। जयपुर में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते आरयूएचएस के बाद अब ईएसआई और जयपुरिया अस्पताल को नया कोविड सेंटर बनाया गया है।
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