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सोमवार, 14 सितंबर 2020

32.28 करोड़ रुपए की लागत से राजीव गांधी लिफ्ट नहर की क्षमता बढ़ेगी, 1 साल बाद शहर को मिलेगा 25 क्यूसेक अतिरिक्त पानी

राजीव गांधी लिफ्ट नहर का तीसरा फेज शुरू होने में लोन स्वीकृति में हो रही देरी आड़े आ रही है। ऐसे में शहर के लिए अतिरिक्त पानी की जरूरत नहर की क्षमता बढ़ाकर की जाएगी। राजीव गांधी लिफ्ट नहर की क्षमता बढ़ाने के लिए 32.28 करोड़ रुपए की लागत के प्रोजेक्ट के टेंडर की प्रक्रिया जयपुर के स्तर पर चल रही है। एक या दो माह में ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद नहर की क्षमता बढ़ाने वाले इस प्रोजेक्ट का काम शुरू होने वाला है।

यह अगले साल तक पूरा हो जाएगा। इससे जोधपुर शहर को रोजाना 295 क्यूसेक पानी मिलेगा, जबकि अभी 270 क्यूसेक ही पानी मिल रहा है। यानी 25 क्यूसेक पानी ज्यादा मिलने से शहर के बाहरी इलाकों में पूरी जलापूर्ति हो सकेगी, वहीं इंदिरा गांधी नहर में 70 दिन का क्लोजर के दौरान दिक्कत नहीं आएगी। पीएचईडी के चीफ इंजीनियर (प्रोजेक्ट) नीरज माथुर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है, जल्दी ही इसके शुरू होने के उम्मीद है। इससे जोधपुर शहर को अतिरिक्त पानी मिलेगा।

तीसरे फेज में देरी हुई तो पीएचईडी ने क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई

1454 करोड़ रुपए की लागत के राजीव गांधी लिफ्ट नहर के तीसरे फेज के लिए जापानी फाइनेंस कंपनी जायका से लोन लेने की प्रक्रिया चल रही है। ये प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होगा। इससे पहले शहर के लिए अतिरिक्त पानी की जरूरत पूरी करने के लिए नहर की क्षमता बढ़ाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया।

इससे आगामी पांच साल तक शहर की प्यास बुझाई जा सकेगी। 32.28 करोड़ की योजना के तहत लिफ्ट नहर की केयरिंग क्षमता यानी पानी ज्यादा लाया जाएगा। इसके लिए नहर की दीवारों को ऊंचा किया जाएगा। वहीं नहर से होने वाले 15 फीसदी से ज्यादा पानी की छीजत रोकी जाएगी। इसके बाद सिर्फ पांच फीसदी तक ही पानी की छीजत होगी। अभी नहर कई जगह से क्षतिग्रस्त है तथा कई बार इसकी दीवार टूटने से जलापूर्ति बाधित होती है।

955 करोड़ का जायका से लोन की प्रक्रिया जारी
जोधपुर शहर के साथ तीन जिलों के लिए महत्वपूर्ण इस 1454 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट के लिए जापानी कंपनी जायका से 955 करोड़ रुपए का लोन की प्रक्रिया अब केंद्र सरकार के स्तर पर चल रही है। केंद्र सरकार की ओर से प्रोजेक्ट गत 8 जुलाई को सब्मिट किया जा चुका है। अब कंपनी के स्तर पर इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है।

इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ वित्त मंत्रालय के अफसर को-ऑर्डिनेशन कर रहे हैं। कोरोना के कारण इस प्रोजेक्ट की राशि मिलने में देरी हो रही है। प्रोजेक्ट के लिए फंड मिलने के बाद पूरा होने में पांच साल का समय लगेगा। यानी 2025 तक पूरा प्रोजेक्ट होगा। नहर में कुल 105 क्यूसेक अतिरिक्त पानी मिलेगा। तीनों फेज को मिलाकर इंदिरा गांधी नहर से 350 क्यूसेक तक पानी मिल जाएगा।



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राजीव गांधी लिफ्ट नहर का तीसरा फेज शुरू होने में लोन स्वीकृति में हो रही देरी आड़े आ रही है