काेराेनाकाल में पंचायत चुनाव काे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हाेने पर राज्य निर्वाचन आयाेग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपाेर्ट में कहा है कि 3848 ग्राम पंचायतों में चुनाव हाेने है। ऐसे में 3848 ग्राम पंचायतों में से करीब 3300 ग्राम पंचायतें ऐसी रही, जिनमें काेराेना के केस शून्य है।
467 ऐसी है जहां पर काेराेना काे ना के बराबर माना जा सकता है। इसकाे लेकर 31 अगस्त काे कलेक्टरों से एक रिपोर्ट मांगी गई थी। बताया जा रहा है कि खुद निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने 23 से ज्यादा कलेक्टरों से फीडबैक लिया था। इसके बाद चुनावी शेड्यूल घाेषित किया गया है।
उधर निर्वाचन विभाग के अधिकारी ये तक कह चुके है कि जब बिहार में चुनाव हाे सकते है ताे राजस्थान में क्याें नहीं । वैसे भी इस पंचायत चुनाव के बाद पंचायत समिति और जिला परिषदों के चुनाव का कार्यक्रम जारी हाेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में 3848 ग्राम पंचायताें, समस्त पंचायत समितियों और जिला परिषदों में प्रशासक काम संभाल रहे है।
सवाल : क्या राज्य सरकार चुनाव रुकवाने के लिए काेर्ट जाएगी
काेराेना के कारण राज्य सरकार इस बार भी चुनाव रुकवाने के लिए काेर्ट जाएगी या नहीं इस पर अभी सरकार की तरफ से काेई वर्किंग सामने नहीं आई है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि इस मामले में सरकार कब तक अपना रूख स्पष्ट करेगी। उधर निर्वाचन आयाेग ये स्पष्ट कर चुका है कि सुप्रीमकोर्ट के दिशा -निर्देशाें की वजह से चुनाव कराए जा रहे हैं।
काेराेनाकाल में चुनाव काे लेकर उठ रहे सवाल
पंचायत चुनाव काे लेकर ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग सहित कई विभागों के अफसरों ने ये बात रखी थी कि काेराेनाकाल में चुनाव कराने कितना उपयुक्त रहेगा। संक्रमण का दाैर प्रतिदान बढ़ रहा है। ऐसे में कर्मचारी व आमजन की जान काे जोखिम में डालना ठीक रहेगा क्या?
किसी राजनीतिक पार्टी ने नहीं जताई आपत्ति
उधर पंचायत चुनाव कराने की बात काे लेकर अभी तक किसी भी पार्टी ने अपनी तरफ से आपत्ति नहीं जताई है। इसके अलावा किसी भी नेता की तरफ से इस बात पर आपत्ति नहीं आई है कि काेराेना के खतरे काे देखते हुए चुनाव राेके जा सकते है। हालांकि चिकित्सा मंत्री रघु सहित कई नेताओं द्वारा काेराेना का सामाजिक ताैर पर स्प्रेड हाेने का खतरा या हाे जाने की बात कई नेताओं ने की है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today