ओवरलाेड के जुर्माने से बचने के लिए खनन माफिया के दूसरे किसानाें के ट्रैक्टर नंबर डालकर फर्जी ई-रवन्ना जारी कराने के मामले में दर्ज मुकदमे में बागाैर पुलिस छह महीने में भी जांच पूरी नहीं कर पाई। खनिज विभाग ने पुलिस से भी एक कदम आगे जाकर पुलिस में जांच विचाराधीन हाेने के बावजूद छह खदान मालिकाें से मिलीभगत कर उनके ब्लाॅक ई-रवन्ना चालू कर दिए।
दूसरे किसानाें के ट्रैक्टर के फर्जी ई-रवन्ना नंबर डालकर फर्जीवाड़ा करने वाली छह खदानाें के ई -रवन्ना अधीक्षण खनि अभियंता ओपी काबरा ने जांच में फर्जीवाड़ा प्रमाणित हाेने के बाद 19 मार्च काे ब्लाॅक किए थे। कुछ समय पहले अधीक्षण खनि अभियंता काबरा ने ही इनके ब्लाॅक ई-रवन्ना खाेल दिए।
नियमानुसार आगे की कार्रवाई में छह खदानाें के खनन पट्टे निरस्त करने का प्रावधान है लेकिन खनिज विभाग के अधिकारियाें ने ताे हद पार करते हुए खदान मालिकाें से मिलीभगत कर जांच काे ही राेक दिया। इसके बाद ब्लाॅक ई-रवन्ना भी खाेल दिए।
जांच में यह पाया, लेकिन फिर खदान मालिकाें पर दिखाई दरियादिली
ब्लाॅक ई-रवन्ना खाेलने के पीछे अधिकारियाें का अजीब तर्क है कि ई-रवन्ना आखिर कब तक ब्लाॅक रखेंगे। भीलवाड़ा एमई माेहम्मद अंसारी ने जांच में सभी खदान मालिकाें काे दाेषी मानते हुए जांच पूरी हाेने तक ई-रवन्ना ब्लाॅक करने की सिफारिश की थी।
अधीक्षण खनि अभियंता के अादेश में कहा गया कि छह लीजधारकाें की ओर से ई-रवन्नाओं में ट्रैक्टर आरजे 06 आरसी 0604 का नंबर भरा गया जबकि खनिज अन्य वाहनाें से ले जाया गया। यह रवन्नाओं के दुरुपयाेग व खनन पट्टाें की संविदा की शर्ताें का उल्लंघन है। ऐसे फर्जीवाड़े की फिर आशंका देखते हुए छह पट्टाें के रवन्ना जनरेशन अस्थाई रूप से राेके जाते हैं।
खनिज विभाग का तर्क और असलियत
खनिज विभाग : अधिकारियाें का तर्क है कि छह लीजधारकाें की अाेर से जिस ट्रैक्टर अारजे 06 अारसी 0604 का नंबर ई-रवन्नाओं में भरा गया उसके अब काेई भी बकायात राशि जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में ओवरलाेड की बकाया नहीं है।
असलियत : ट्रैक्टर मालिक ने जिला परिवहन कार्यालय में ओवरलाेड के मामले में एक भी पैसा जमा नहीं कराया। यह राशि खदान मालिकाें की ओर से जमा करवाई गई। इससे फर्जीवाड़ा और ज्यादा प्रमाणित हाेता है। इस आधार पर खनिज विभाग के अधिकारियाें काे जांच आगे बढ़ानी चाहिए थी लेकिन उन्हाेंने खदान मालिकाें पर मेहरबानी दिखा दी।
आगे क्या : बागाैर पुलिस ने पिछले दिनाें भीलवाड़ा खनि अभियंता काे पत्र लिखकर इस मामले में करीब आठ तरह की जानकारी और रिकाॅर्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा है। हालांकि अभी तक खनिज विभाग ने यह जानकारी पुलिस काे नहीं भेजी है। पुलिस जांच के बाद इस मामले में खनिज विभाग के कर्मचारी-अधिकारियाें पर गाज गिरना तय है।
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