जिले में बढ़ते काेराेना संक्रमितों के बीच अस्पताल से सैंपल गायब हाेने जैसी गंभीर चूक सामने अा रही है। जिन लाेगाें के सैंपल गायब हुए हैं, उन तक वापस इस बात की जानकारी भी नहीं पहुंच रही। वे यह मानकर निश्चिंत हैं कि उनकी रिपोर्ट निगेटिव है, जबकि हकीकत में उनके सैंपल टेस्ट में लगे ही नहीं। यदि उनमें से काेई पॉजिटिव हुआ ताे वह कितने अन्य लाेगाें काे संक्रमित कर चुका हाेगा। पांच दिन पहले बागीदौरा
सीएचसी से काेराेना जांच के लिए आठ जनों के सैंपल लिए गए थे। उनमें बागीदौरा डीएसपी गजेंद्र सिंह राव का सैंपल भी था। उन्हें 7 सितंबर काे पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण कोर्स के लिए उपस्थित हाेना था। वे 6 तारीख काे ही जयपुर पहुंच गए। लेकिन तब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई थी। ऐसे में उन्हें पुलिस हॉस्टल के अपने रूम में ही क्वारेंटाइन कर दिया गया। उन्हें ट्रेनिंग क्लास में भाग लेने की अनुमति नहीं मिली। सैंपल
लिए जाने के चार दिन बाद भी जब उनकी रिपोर्ट नहीं अाई ताे तहकीकात शुरू हुई। पता चला कि बागीदौरा में डीएसपी गजेंद्र सिंह सहित जिन अाठ जनों के सैंपल लिए गए थे। उन सभी के सैंपलों की जांच ही नहीं हुई। एमजी अस्पताल स्थित काेविड सेंटर से पता किया ताे उनका कहना था कि यह सभी सैंपल जांच के लिए डूंगरपुर की लैब में भिजवाए गए हैं। डूंगरपुर लैब से जवाब मिला कि ये आठ सैंपल ताे उनके पास पंहुचे ही नहीं।
8 सितंबर तक यह पता नहीं चल पाया कि आखिर उनके सैंपल गए कहां। एेसे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें काेराेना टेस्ट के लिए दोबारा सैंपल देने काे कहा। मंगलवार काे उन्होंने एसएमएस अस्पताल जयपुर में सैंपल दिया, जिसकी रिपोर्ट बुधवार सुबह िमली, जिसमें वह निगेटिव पाए गए थे। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग कक्ष में पहुंचने की अनुमति िमली। एेसे में बड़ा सवाल यही है कि यदि उनके साथ के जिन सात जनों के सैंपल लिए गए थे। उनमें से काेई अन्य पॉजिटिव हाेगा ताे वह अब तक कितनों काे संक्रमित कर चुका हाेगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today