पुलिस महकमे में अब स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही चलने वाली नहीं है। अब पुलिस कर्मियों को वार्षिक रूप से अपने स्वास्थ्य का परीक्षण करवाना होगा, जिसकी रिपोर्ट अपने वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के साथ संलग्न करनी होगी। कई जगह यह व्यवस्था शुरू भी हो गई है।
वहीं जहां यह व्यवस्था अभी शुरू नहीं हुई है वहां वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस व्यवस्था को निर्धारित अवधि में शुरू करना होगा। इसके लिए पुलिस महानिदेशक ने प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य की जांच करवाने के बाद उसकी जांच रिपोर्ट किसी प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी को दिखाई जाएगी।
यदि संबंधित जिला या यूनिट में हॉस्पिटल संचालित है तथा उसमें चिकित्सक कार्यरत हैं तो यह जांच रिपोर्ट उस चिकित्सक को दिखाई जाकर उसकी राय के अनुरूप अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इस दरम्यान अगर प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी की ओर से अतिरिक्त जांच कराने की सलाह दी जाती है तो ऐसी जांचों का पुनर्भरण चिकित्सा परिचर्चा नियमों के प्रावधानों के अन्तर्गत ही होगा।
कार्य योजना के अनुसार होगा कार्य : जिला प्रभारी अपने जिले के सीएमएचओ या पीएमओ के अलावा चिकित्सा महाविद्यालय से संबंध चिकित्सालय प्रभारी से सलाह के बाद सभी पुलिस कर्मियों के निशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया निर्धारित करेंगे। इसकी पूरी कार्ययोजना भी तैयारी की जाएगी।