आरबीएम व जनाना अस्पताल से मेडिकल कॉलेज ने अपने ट्रॉली पुलर व गार्ड वापस बुला लेने से दूसरे दिन बुधवार को भी अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ी रही। मरीजों के परिजन ही खुद स्ट्रेचर खींचते नजर आए। अस्पताल के गार्ड व ज्यादातर ट्रॉली पुलर गायब ही रहे।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ रजत श्रीवास्तव का कहना है कि गुरुवार सुबह 8 बजे उपस्थिति ली जाएगी और गैर हाजिर रहने वालों की 8:10 बजे अनुपस्थित लगा दी जाएगी।
आरबीएम अस्पताल में मरीजों को ट्रॉली पुलर नहीं मिलने पर परिजन उन्हें स्ट्रेचर पर लाते ले जाते नजर आए। काउंटर पर भीड़ लगी रही, जहां कोरोना काल में डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो रही थी। डॉक्टरों के पास भीड़ को नियंत्रित करते हुए खुद डॉक्टर नजर आए।
असल में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए अस्थाई रूप से गार्ड व ट्रॉली पुलर लगाए हुए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ रजत श्रीवास्तव का कहना है कि काम नहीं करने वाले और ड्यूटी नहीं करने वाले ट्रॉली पुलर व गार्ड चिन्हित कर लिए गए हैं, जिन्हें प्लेसमेंट एजेंसी को रिप्लेस करने के लिए मंगलवार को वापस भेज दिया है।
आरबीएम व जनाना अस्पताल में अभी भी प्लेसमेंट एजेंसी के 172 ट्रॉली पुलर व गार्ड लगे हुए हैं। इन सभी की उपस्थिति गुरुवार से एडिशनल मेडिकल सुप्रिडेंट डॉ संजय कुलश्रेष्ठ करवाएंगे। इनके होते हुए भी व्यवस्था कैसे बिगड़ी है, यह देखा जाएगा। इन सभी से अनुशासन में ड्यूटी ली जाएगी।
इधर आरबीएम अस्पताल के पीएमओ डॉ नवदीप सैनी का कहना है कि 172 ट्रॉली पुलर व गार्ड नहीं हैं, बल्कि उसमें कोविड कोविड-19 में लगे हुए और डीडीसी काउंटर के हेल्पर, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि सभी अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं। इनमें आरबीएम अस्पताल के बजट से 48 ट्रॉली पुलर और 13 गार्ड दोनों अस्पताल में लगे हुए हैं।
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