जयपुर। दिगंबर जैन धर्मावलम्बियों के पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन गुरुवार को क्षमा पर्व पड़वा ढोक के रूप में मनाई गई। जैन मंदिरों में भगवान के षोडशकारण एवं प्रतिपदा पंचामृत कलश मुनियों और आर्यिकाओं, प्रबंधक कमेटियों के कुछ सदस्यों की मौजूदगी में हुए। इस दौरान भगवान से कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए कामना की। पहली बार शाम को मंदिरों जैन मंदिरों में सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए। समाजजन अपने दोस्तों, परिवारजनों सहित अन्य लोगों से गलतियों के लिए एक-दूसरे से सोशल मीडिया के माध्यम से क्षमा याचना करते नजर आए।
अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद् के राजस्थान प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ने बताया कि कलशाभिषेक का ऑनलाइन प्रसारण किया गया। दशलक्षण महापर्व के दौरान हर साल की भांति इस साल भी श्रद्धालुओं ने तीन दिन, पांच दिन, 10 दिन, 16 तथा 32 दिन के उपवास किए। इसके अलावा ऑनलाइन प्रवचनों का आयोजन किया गया। साथ ही बच्चों के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।
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