राज्य सरकार ने राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया है। यह ट्रस्ट प्रदेश में उपलब्ध खनिज भंडारों की वैज्ञानिक तरीकों से खोज व खनन में आधुनिक तकनीक के उपयोग, शोध, कौशल विकास व राजस्व बढ़ोतरी की दिशा में काम करेगा। साथ ही तकनीक के जरिए अवैध खनन राेकने की दिशा में भी काम करेगा।
ट्रस्ट के संचालन के लिए खनिजों पर ली जा रही रॉयल्टी पर दो प्रतिशत सेस राशि और अवैद्य खनन से प्राप्त राजस्व की दस प्रतिशत राशि से एक कोष बनाया जाएगा। इस काेष का उपयाेग ट्रस्ट से जुड़े खर्चे व कामकाज पर हाेगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में खनन के लायक क्षेत्रफल की तुलना में 50% से भी कम जगहों पर खनन हाे रहा है। राज्य सरकार ने इस ट्रस्ट का गठन किया है।
खनिजों के लिए बनेगा मास्टर प्लान, रिसर्च लेबोरेटरी भी
माइंस एंड पेट्रोलियम एसीएस सुबोध अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा प्रदेश में खनिज संसाधनों काे नियोजित करने के लिए लाॅग व शाेर्ट टर्म येाजनाएं तैयार की जाएगी। राज्य में शोध के लिए लेबोरेटरी की स्थापित कर उसे नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग एण्ड क्रेलिब्रेशन लेबोरेटरी से मान्यता दिलाई जाएगी ताकि खनिज प्रयोगशाला मेें खनिज उत्पादों के परीक्षण और विश्लेषण के आधार पर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा और प्रमाणीकरण मिल सकें।
9 सदस्यीय गवर्निंग बाॅडी और साल में एक बैठक अनिवार्य
गवर्निंग बाॅडी में विभागीय मंत्री, एसीएस फाइनेंस, वन एवं पर्यावरण, राजस्व, प्रबंध संचालक आरएसएमएमएल, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के राजस्थान इकाई के उप महानिदेशक, राज्य के निदेशक माइन्स एवं भूगर्भ मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम इसके सदस्य सचिव होंगे।
7 सदस्यीय कार्यकारी समिति की बैठक तीन माह में जरूरी
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कार्यकारी समिति बनाई गई है। इसमें निदेशक माइंस एवं भूगर्भ सदस्य सचिव व जियोलाॅजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के राज्य इकाई के निदेशक तकनीकी समन्वय, आरएसएमएमएल और मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के प्रतिनिधि व संयुक्त सचिव माइंस व पेट्रोलियम सदस्य होंगे।
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