कोरोना महामारी ने विश्व अर्थव्यस्था की कमर तोड़ दी है। देश में भी अर्थव्यस्था पूरी तरह चरमरा गई है। केंद्र सरकार ने विभागों से फिजूल खर्ची पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन रेलवे ने इस महामारी में सबसे जरूरी सफाई व्यवस्था को ही फिजूल खर्च मान लिया है। जिसके चलते रेलवे जयपुर मंडल के सभी स्टेशनों पर सफाई कर्मियों की संख्या 70 फीसदी तक घटा दी है।
जिससे मंडल के स्टेशनों पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मंगलवार को सफाई कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आठ महीने से रेलवे ने भुगतान नहीं किया। जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। तो वहीं इस आर्थिक मंदी के दौर में उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है। सफाई कर्मियों ने रेलवे स्टेशन से लेकर रेलवे मुख्यालय तक धरना प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही प्रशासन को चेतावनी भी दी कि अगर भुगतान नहीं किया गया, तो साफ सफाई से जुड़ा कम नहीं किया जाएगा। रेलवे के नए निर्णय के अनुसार ट्रेन में अब पोंछा लगाने का कार्य नहीं किया जाएगा। यानि अब ट्रेनों के अंदर कोच में सिर्फ झाडू ही कोरोना को खत्म करेगी। जबकि इससे पहले कोच के अंदर डिसइंफेक्टेन्ट का पोंछा लगाया जाता था। वहीं जयपुर स्टेशन पर सफाई कर्मचारियों की संख्या में इतनी कटौती कर दी गई है, कि अब प्लेटफॉर्म पर एक बार सफाई भी नहीं हो रही है।
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