कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वकीलों ने अब अधीनस्थ अदालतें बंद करने की मांग उठानी शुरू कर दी है। वकीलों ने राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी से लिखित में प्रतिवेदन पेश कर चीफ जस्टिस के समक्ष अदालतें बंद करने का प्रस्ताव रखने का आग्रह किया है। दूसरी ओर महानगर मोबाइल मजिस्ट्रेट व उनकी कोर्ट के तीन कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
उधर, हाईकोर्ट प्रशासन ने भी एक परिपत्र जारी कर अधीनस्थ अदालतों में 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई की व्यवस्था लागू की है। एडवोकेट्स एसोसिएशन के पूर्व महासचिव धनराज वैष्णव व पूर्व उपाध्यक्ष कपिल बोहरा के नेतृत्व में वकीलों ने अध्यक्ष जोशी को प्रतिवेदन सौंपा।
प्रतिवेदन में कहा गया कि जोधपुर में दिनोदिन कोरोना महामारी बढ़ती जा रही है। कई जूनियर व सीनियर एडवोकेट इस बीमारी के चपेट में आ चुके हैं और कुछ की मृत्यु भी हो गई है। कई वकील होम क्वारेंटाइन है तो कुछ अस्पताल में भर्ती में हैं। अधीनस्थ अदालतों में रोजाना भीड़ बढ़ रही है और इससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं हो रही है।
उन्होंने यह भी लिखा है कि हाईकोर्ट में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की व्यवस्था की गई है। इस तरह अधीनस्थ अदालतें बंद कर या यहां भी ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था की जाए, ताकि वकील कोरोना संक्रमित होने से बच सकें। उधर, हाईकोर्ट प्रशासन ने भी एक परिपत्र जारी कर अधीनस्थ अदालतों में 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई की व्यवस्था लागू की है।
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