देश की नंबर वन लॉ स्कूल नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) में प्रवेश के लिए ऑनलाइन नेशनल लॉ एप्टीट्यूट टेस्ट (एन-लैट) में कोविड व अर्थव्यवस्था से जुड़े सवाल ज्यादा पूछे गए। यह परीक्षा देशभर में शनिवार को आयोजित हुई। स्टूडेंट्स ने कंप्यूटर अथवा मोबाइल के माध्यम से एग्जाम दिया। स्टूडेंट्स नकल न मारे इसके लिए आयोजकों ने ऑनलाइन व्यवस्थाएं की हुई थी, स्टूडेंट्स के कैमरा ऑन थे। परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में किया गया। इसमें पहले चरण में पेपर कठिन था, दूसरे चरण में मध्यम व तीसरे चरण में पेपर आसान आया।
देश की 22 लॉ यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए होने वाली कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट (क्लैट) से देश की नंबर वन लॉ यूनिवर्सिटी नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु (एनएलएसआईयू) ने खुद काे अलग करते हुए खुद की अलग से प्रवेश परीक्षा करने का निर्णय ले लिया था। उन्होंने यह निर्णय क्लैट का बार-बार स्थगित किए जाने की वजह से लिया था। परीक्षा को तीन चरणों में बांटा गया था। पहली चरण दोपहर 12:00, दूसरा चरण दोपहर 1:45 व तीसरा चरण दोपहर 3:30 बजे था।
परीक्षा देने वाले कुछ स्टूडेंट्स को तकनीकी परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि कुछ स्टूडेंट्स का कहना था कि परीक्षा सही ढंग से आयोजित हुई। परीक्षा के पहले चरण में पेपर काफी कठिन था, दूसरे में मध्यम दर्जे का पेपर आया जबकि तीसरे चरण में पेपर काफी सरल था। परीक्षा का परिणाम सुप्रीम कोर्ट की 16 सितंबर को होने वाली सुनवाई के बाद घोषित किया जाना प्रस्तावित है, क्योंकि इस परीक्षा के परिणामों को सुप्रीम कोर्ट में लगी एक याचिका के तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अधीन रखा गया है।
क्या था परीक्षा का पैटर्न
परीक्षा में चार पैसेज दिए गए थे। जिसमें हर पैसेज से जुड़े 10-10 मल्टी च्वाइस सवाल थे। ये सवाल 5 विषयों के थे तथा प्रत्येक विषय के 8 सवाल पूछे गए थे। प्रत्येक सवाल 2 अंक का था, गलत जवाब देने पर एक सवाल के 1.25 अंक व जवाब न देने पर 1.5 अंक कटेंगे। चार पैसेज के माध्यम से सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, लॉजिकल रीजनिंग, क्यूटी व लीगल रीजनिंग के सवाल पूछे गए।
3 चरणों में इन सब्जेक्ट पर आए पैसेज
- पहला चरण : फॉरवर्ड रिजर्व, कोविड का एग्रीकल्चर पर प्रभाव, महिलाओं का संपत्ति पर अधिकार व गरीबी के दुष्प्रभाव।
- दूसरा चरण : दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, कोरोना में नेताओं की भूमिका व कोविड वेक्सिन
- तीरणा चरण : कोविड का अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव, शेयर मार्केट की स्थिति, महिलाओं को माहवारी में सवैतनिक अवकाश व हिमालय व चार धाम परियोजना।
पेपर के आधार पर एवरेज स्कोर निकाला जाएगा और नॉर्मलाइजेशन किया जाएगा। इसके बाद निश्चित फॉर्मूला से कॉमन मैरिट तैयार की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मिलने के आधार पर एन-लैट का परिणाम घोषित किया जाएगा। कट ऑफ 50 से 60 के बीच रहने की संभावना है।
- सागर जोशी, लॉ एंट्रेंस टेस्ट एक्सपर्ट
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