अब डिस्काॅम शहर में जगह-जगह फैले ताराें के जंजाल की सुध लेगा। इसके लिए टीम गठित कर सर्वे कराया जाएगा कि डिस्कॉम के पाेल का काैन-काैनसी निजी कंपनियां इस्तेमाल कर रही हैं। सर्वे के बाद संबंधित कंपनी काे नाेटिस दिया जाएगा। यदि फिर भी नहीं माने ताे सख्त कार्रवाई हाेगी। डिस्कॉम द्वारा इन ताराें काे पाेल से हटा देगा।
भास्कर में “शहर पाेललेस करने की जिम्मेदारी लेने वाला डिस्कॉम ही पाेल किराए पर देकर बढ़ा रहा है ताराें का जंजाल’ शीर्षक से खबर प्रकाशित हाेने के बाद डिस्कॉम के अफसर हरकत में आए। मामले काे गंभीरता से लेते हुए ताराें के जंजाल काे हटाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
आईपीडीएस की कछुआ चाल, 2 साल पूरे हुए लेकिन पाेललेस का काम शुरू ही नहीं हुआ
इंटीग्रेटेड पाॅवर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) के तहत जीएसएस, अंडर ग्राउंड केबलिंग और पाेल डिस्मेंटल यानी पाेललेस का कार्य किया था। ओवरहैड बिजली की लाइनाें काे भूमिगत केबलिंग में परिवर्तित किया जाना है।
अप्रैल-मई 2018 की इस याेजना के पूरे हाेने की समयावधि मई 2020 तक थी। इसे तीन माह का अतिरिक्त समय दिया गया।
अब तक शहर में अंडरग्राउंड केबलिंग का 11 केवी का करीब 20 किलाेमीटर एरिया में पूरा हाे चुका है, जबकि एलटी लाइन का कार्य 40 से 45 किलाेमीटर क्षेत्र में पूरा किया जा चुका है। कुल 78 कराेड़ की इस याेजना का बजट बढ़ाकर 82 कराेड़ कर स्वीकृति के लिए भेजा गया है। बारिश के कारण पाेललेस का काम अटका हुआ था, जो अब जल्द ही शुरू किया जाएगा। यहां किया जाना था पाेललेस, लेकिन
फैला है ताराें का जंजाल
पाेललेस का कार्य वैशाली नगर, फाॅयसागर से रीजनल काॅलेज, बीएसएनएल से मित्तल अस्पताल, धाैलाभाटा मेनराेड, शास्त्रीनगर, ताेपधड़ा और अजयनगर सहित आसपास के क्षेत्राें में किया जाना था। कुछ जगह शुरू हाेते ही काम बंद हाे गया और अब तक अधूरा पड़ा है।
शहर के अधिकतर हिस्साें में बिजली, इंटरनेट, केबल सहित अन्य ताराें का जंजाल फैला है। कई जगह जहां कई तार वर्षाें पुराने हैं आैर उनका काेई इस्तेमाल नहीं है। यानी डेड वायर भी जगह-जगह झूलते देखे जा सकते हैं।
बारिश के कारण बंद पाेललेस का काम जल्द शुरू होगा। शहर पाेललेस करने में तीन माह का समय लगेगा। वैशाली नगर, फाॅयसागर-रीजनल काॅलेज, बीएसएनएल से मित्तल अस्पताल, धाैलाभाटा मेनराेड, शास्त्रीनगर, ताेपदड़ा, अजयनगर सहित आसपास यह कार्य किया जाना था।
अरुण जांगिड़, एईएन, आईपीडीएस, डिस्कॉम
शहर में फैले ताराें की जंजाल की जांच कराई जाएगी। डिस्कॉम की टीम सर्वे कर ऐसे पाेल चिह्नित करेगी, जिसमें ताराें का जंजाल है। सर्वे के बाद संबंधित कंपनी काे नाेटिस दिया जाएगा। यदि फिर भी काेई नहीं मानता है ताे डिस्कॉम द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गाेपाल चतुर्वेदी, एक्सईएन (सिटी), डिस्कॉम