Rajasthan Village News

राजस्थान के गांवो की ताज़ा खबरें हिंदी में

रविवार, 18 अक्टूबर 2020

सरसों की बुवाई के लिए 1 माह पूर्व जैविक खाद डालें

सरसों फसल उत्पादन मे समन्वित पोषक तत्वों के प्रबंधन विषय पर कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों के लिए संस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें पोकरण क्षेत्र के गोमट, टेकरा और छायण गांवों के 20 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सरसों की फसल में उत्पादन को बढ़ाने के लिए संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का प्रयोग करके सरसों के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सके। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. चन्द्र प्रकाश मीणा ने सरसों फसल के अधिक उत्पादन के लिए उन्नत तरीकों जैसे नई उन्नत किस्मों का चयन, बीज उपचार, बुवाई की तकनीक, खरपतवार प्रबंधन और कीट एवं रोग नियंत्रण आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

प्रशिक्षण प्रभारी मृदा वैज्ञानिक डॉ. बबलू शर्मा ने बताया कि सरसों की फसल में वैज्ञानिक विधि से खेत में 3-4 टन गोबर की खाद का उपयोग प्रति बीघा की दर से बुवाई के 3-4 सप्ताह पूर्व करें। फसल में 33 किलो यूरिया एवं डीएपी के स्थान पर 33 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट प्रति बीघा की दर से उपयोग करें। सरसों में सिंगल सुपर फॉस्फेट के प्रयोग से उत्पादन के साथ तेल की मात्रा तथा गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है।

उन्होंने बताया कि मृदा में बुवाई के समय 2.5 किलो जिंक सल्फेट प्रति बीघा की दर से प्रयोग करने से उपज में वांछनीय वृद्धि होती है। कृषि प्रसार वैज्ञानिक सुनील शर्मा ने रबी फसलों के उत्पादन में सूचना एवं संचार साधनों के समुचित उपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसान फसल उत्पादन में आने वाली समस्याओं के बारे में केविके व्हाट्सएप ग्रुप, केविके पोर्टल, गूगल, यूट्यूब, कृषि एप जैसे किसान सुविधा, सीएचसी फार्म मशीनरी, ई नाम इत्यादि के उपयोग से समाधान प्राप्त कर सकते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today