शिक्षक भर्ती 2018 में अनारक्षित 1167 सीटों को जनजाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर नेशनल हाइवे पर हुए उपद्रव की जांच सरकार अपने स्तर पर कराएगी। इसके लिए गृह विभाग के सचिव एनएल मीणा को जांच सौंपी है। मीणा दो दिन बाद डूंगरपुर आ रहे हंै। मीणा ने बताया कि जांच में सभी पहलूओं को देखा जाएगा। प्रशासनिक जांच की प्रक्रिया का फॉलोअप लेकर जांच की जाएगी।
इसके लिए कैंप करना पड़ेगा। एवीडेंस, विटनेस आदि देखे जाएंगे। उपद्रव के दौरान मौजूद अधिकारियों से भी बातचीत की जाएगी। वहीं आमजन से भी चर्चा होगी। जांच में पूरे प्रोसेस को पूरा किया जाएगा। वहीं जिला पुलिस की तरफ से लगातार कार्रवाई की जा रही है।े बिछीवाड़ा, सदर व दोवड़ा थाने में अब तक 113 गिरफ्तारी हो चुकी है। जिले केे तीन थाने में 43 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
हाइवे पर जहां से उपद्रव शुरू हुआ, वह बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र की सीमा में था, आगे बढ़कर सदर थाना क्षेत्र की सीमा तक पहुंचा। इसके बाद उदयपुर जिले में आगजनी व उपद्रव हुआ। पुलिस पांच आधार पर उपद्रव में शामिल आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। उकसाने वाले भाषण देने वालों की सीडी तैयार की जा रही है। वही सोशल मीडिया पर पूरी नजर रखी जा रही है।
यदि एक ही अभियुक्त अन्य स्पॉट पर भी उपद्रव में शामिल रहा ताे वहां के दर्ज मुकदमे में भी गिरफ्तार करना है। पुलिस अपनी जांच लगातार आगे बढ़ा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। वहीं जिन प्रकरण में नामजद मुकदमे है, उसके लिए उनसे पूछताछ की जा रही है।
पांच तरीकों से जांच : बीटीएस से उपद्रव क्षेत्र में एक्टिव नंबर को खंगाल रहे
1. वीडियाे और फाेटाे : हाइवे सहित अन्य जगहाें पर उपद्रव के वीडियो सामने आए है। कुछ वीडियाे और फाेटाे साेशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे। इनके आधार पर भी अभियुक्ताें की गिरफ्तारी कर रही है। आंदोलन में उग्र भाषण व उकसाने वाले वीडियो भी सामने आए है। वीडियो में जिन लोगों का चेहरा साफ नजर आ रहा है, उनका फोटो क्लिक किया जा रहा है।
2. आरोपी से आरोपी : जिन आरोपियों की उपद्रव में शामिल होने के नाम सामने आ रहे है, उन आरोपियों को रिमांड पर लेकर उपद्रव में शामिल अन्य साथियों के नाम पता किए जा रहे हैं। इससे पुलिस दूसरे आरोपियों तक भी पहुंच पा रही है।
3 माेबाइल लाेकेशन : पुलिस ने मोबाइल नंबर की बीटीएस निकाली है। बीटीएस में हजारों की संख्या में नंबर सामने आए है। इसमें उपद्रव क्षेत्र में शामिल एक्टिव नंबर से आरोपियों की पहचान की जा रही है। मोबाइल रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।
4. सीसीटीवी फुटेज : हाइवे पर उपद्रव के समय जिन स्थानों पर सीसीटीवी लगे हुए है, उन फुटेज को चेक किया जा रहा है। आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट की जगह वाली सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है।
5. परंपरागत पुलिसिंग : पुलिस अपने मुखबिर, बीट कांस्टेबल और आसपास के लाेगाें से पूछताछ के आधार पर भी आरोपियों की पहचान कर रही है। लूट के सामान के बारे में मुखबिर के जरिए पता किया जा रहा है।
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