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गुरुवार, 8 अक्तूबर 2020

ट्रेकिंग कर जैव विविधता का अवलोकन करते हुए उसके महत्व पर चर्चा की गई

वन विभाग तथा वागड़ पर्यावरण संस्थान के तत्वावधान में वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह के समापन अवसर पर भापोर जंगल में ट्रेकिंग की गयी। ट्रेकिंग के दौरान जंगल में स्थित जैव विविधता का अवलोकन करते हुए उसके महत्व पर चर्चा की गई। इस अवसर पर उप वन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने कहा कि प्रकृति में वन्यजीवों का बहुत अधिक महत्व है। इनका सरंक्षण हम सभी के जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि जंगल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देवे जंगल सुरक्षित रहेंगे तो वन्यजीव भी सुरक्षित रहेंगे।

भारतीय वन सेवा के अधिकारी (प्रशिक्षु) अभिमन्यु सहारन व सहायक वन संरक्षक शैदा हुसैन ने कहा कि भापोर जंगल में पेन्थर, जरख, जंगली सुअर, नील गाय, लोमड़ी, सियार, हनुमान लगूर, खरगोश, सरिसृप तथा पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति ये दर्शाती है कि यहां समृद्ध जैव विविधता है। वागड़ पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. दीपक द्विवेदी ने कहा कि हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में छोटे से लगाकर बड़े सभी जीवो का समान महत्व है। खाद्य श्रृंखला में एक भी जीव के समाप्त होने पर दूसरी प्रजाति संकट ग्रस्त हो जाती है। इसके लिए प्रत्येक जीव का संरक्षण आवश्यक है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय वन अधिकारी घनश्याम सिंह सिसोदिया, वागड़ पर्यावरण संस्थान के कपिल पुरोहित, वैभव जोशी, वनकर्मी कालूसिंह व कपिल, वन सुरक्षा समिति के सदस्य उपस्थित थे। ट्रेकिंग के दौरान संकटग्रस्त प्रजातियों के पौधे कड़ाया व आल, औषधीय महत्व के पौधे जामून, नीम, आंवला, दादमुर्दन, खोकली, सेमल, सेंजना, पट्ट शाक, कंटालिया, दुधिया घास के साथ महुवा, तेन्दू, बरगद, पीपल, कचनार, रूंझ आदि के महत्व पर चर्चा की गयी। ट्रेकिंग के दौरान बेम्बू ग्रुव देखकर रोमांचित हो गए।



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