डेयरी विकास एवं पशुपालन परियोजना के तहत 17 गांवों के 505 दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को काजरी जोधपुर से परियोजना क्षेत्र के 5050 नेपियर घास डंठल कटिंग वितरण किए गए। यह योजना सोसायटी टू अपलिफ्ट रूरल इकोनॉमी बाड़मेर द्वारा केयर्न फाउंडेशन के सौजन्य से संचालित होती है।
कार्यक्रम प्रबंधक हनुमान राम चौधरी ने बताया कि काजरी जोधपुर की डेयरी फार्मिंग पशु संवर्धन केंद्र से गन्ने की प्रजाति का उक्त घास दुग्ध उत्पादकों के खेतों में लगने से वर्ष पर्यंत हरे चारे की समस्या का स्थाई समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि बुवाई के समय खेत की जुताई कर डंठल का एक पैरा भूमि में एवं एक बार ऊपर रखा जाता है।
एक बार पौधा विकसित होने पर निरंतर 5-6 साल तक नियमित रूप से हरा चारा देता है। एक पौधा वर्ष में चार बार कटाई करने से एक मण हरा चारा देता है। चौधरी ने कहा कि नेपियर घास समतल भूमि मेड पर भी लगा सकते हैं। परियोजना क्षेत्र के 17 गांवों में 282 महिला पशुपालकों सहित कुल 505 पशुपालकों को संकर नेपियर घास की कटिंग का निशुल्क वितरण करवाया गया।
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