लुपिन फाउंडेशन एवं सरसों अनुसंधान निदेशालय सेवर (भरतपुर) के सहयोग से अग्रिम पंक्ति सरसों फसल प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत करेरुआ, टोंटरी, धीमरी, पिपरोंन के 50 चयनित किसानों को सरसों बीज की किटो का निशुल्क वितरण किया गया। प्रत्येक किट में 2 किलोग्राम सरसों बीज, 15 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश, 5 किलोग्राम जिंक सल्फेट, 5 किलोग्राम सल्फ़र एलिमेंट व एल्ड्रिन दीमक की कीटनाशक दवाई है। यह बीज उच्च कोटि गिर्राज किस्म का प्रमाणित बीज है जिसमे कि तेल की मात्रा अधिक पायी जाती है व इसकी पैदावार 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। एक यह किट एक किसान को एक हेक्टयेर जमीन के
लिए प्रदान की गयी है। लुपिन के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी गौतम भार्गव ने बताया कि लुपिन फाउंडेशन ‘किसान समृद्ध तो देश समृद्ध’ की अवधारणा पर काम कर रही है| कृषि में उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज के प्रयोग से ही लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। लुपिन के अनिल यादव ने बताया हमे नवीनतम वैज्ञानिक विधि से खेती करनी चाहिए एवं जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए। अक्टूबर से नवम्बर का महिना सरसों की बुवाई का सही समय होता है। ऋषिकेश शर्मा ने फसलो में होने वाले विभिन्न रोगों एवं उपचार के बारे में बताया।
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