
डाेडा पाेस्त की बिक्री पर सुप्रीम काेर्ट की पाबंदी लगने के के बाद भी तस्कर अपनी जान पर खेल कर मादक पदार्थाें की तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। तस्करी के नेटवर्क में शामिल तस्कर पुलिस दल पर हमला व फायरिंग करने भी उतारू हाे जाते है। पाली जिले में डाेडा पाेस्त व अफीम के सेवन करने वाले लाेगाें की संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन मध्यप्रदेश व चिताैड़गढ़ समेत राज्य के सीमावर्ती जिलाें से खेत लेकर गुजरने वाले तस्कराें का अहम रूट पाली जिला है।
पिछले पांच दिनाें से जिले में तस्कराें के मुख्य एंट्री व एिग्जट पाॅइंट वाले मार्गाें पर पुलिस ने सख्त नाकाबंदी की ताे लगातार तस्कराें के साथ मादक पदार्थाें की खेप पकड़ी जा रही है। वहीं तस्कराें ने रूट बदल कर कच्चे मार्गाें की ओर रूख किया है। दाे दिन पहले ताे तस्कराें ने साेजत राेड महिला थानाप्रभारी व उनकी टीम पर फायरिंग तक कर दी थी।
एसपी राहुल काेटाेकी ने बताया कि मंगलवार तड़के बाली के एएएपी ब्रजेश साेनी के निर्देशन में रानी थानाप्रभारी हुकमगिरी की टीम ने एक जगह नाकाबंदी की। पुलिस ने नाकाबंदी ताेड़ कर भाग रहे तस्कराें काे पीछा कर रानी कस्बे में मुख्य मार्गाें की घेराबंदी की।
इस दाैरान घेराबंदी में फंसे दाे तस्कर करीब 30 लाख रुपए कीमत का डाेडा पाेस्त से भरी कैंपर जीप छाेड़ कर भाग गए। पुलिस ने उनका पीछा भी किया, लेकिन वे अंधेरे का फायदा उठा कर गायब हाे गए। जीप में से 761 किलाेग्राम डाेडा पाेस्त बरामद हुअा है, जिसकी कीमत 30 लाख रुपए आंकी गई है।
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