सियासी उठापटक के बीच राजस्थान कांग्रेस की कमान संभालने वाले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के सामने कई चुनौतियां एक साथ खड़ी हैं। एक तरफ निकाय चुनाव टिकट बंटवारा विधायकों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है। 3 महीने से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी संगठन में नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं। कोरोना काल में शिक्षा के महकमे के भी लिए भी चुनौतियां कम नहीं है।
ऐसे में डोटासरा के लिए एक साथ कई मोर्चों पर परीक्षा की घड़ी है। सिंबल विवाद से लेकर संगठन में फेरबदल व शिक्षा महकमे में आने वाले समय में क्या नया होगा उन मुद्दों पर डोटासरा ने भास्कर से बात की। डोटासरा का कहना है कि कमेटी एआईसीसी ने बनाई है जिसमें विधायक भी हैं और कमेटी जिस उम्मीदवार को फाइनल करेगी पार्टी उसे ही सिंबल देगी।
आपको प्रदेशाध्यक्ष बने हुए 100 दिन हो गए, लेकिन संगठन में नियुक्तियां नहीं हो पाई? क्या पायलट खेमे की नाराजगी व दबाव के चलते अटका हुआ है?
जवाब: न तो यहां किसी की नाराजगी है और न ही कोई गुट है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन जी ने घोषणा की थी कि फीडबैक कार्यक्रम पूरा होते ही कार्यकारिणी घोषित कर दी जाएगी। अब तक वे दो संभागों का फीडबैक भी ले भी चुके हैं। बीच में उनकी तबियत खराब हो गई। जैसे वे स्वस्थ हो जाएंगे फिर से फीडबैक कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा।
क्या इस साल संगठन में नियुक्तियां होने की उम्मीद है?
जवाब: प्रदेश प्रभारी का अगले 10 दिन में प्रोग्राम बनता है तो उसके बाद हम तत्काल संभागवार फीडबैक कार्यक्रम शुरू कर देंगे। उसके बाद कार्यकारिणी का विस्तार किया जाएगा। निकाय चुनावों में सिंबल बंटवारा विधायकों की प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया।
जवाब: एआईसीसी ने कमेटी बनाई है। उसमें एआईसीसी सचिव कॉर्डिनेटर हैं। प्रभारी मंत्री, निवर्तमान जिलाध्यक्ष, एमपी-एमएलए या एमपी-एमएलए प्रत्याशी कमेटी में हैं। कमेटी चर्चा कर जो उम्मीदवार लाएगी उन्हें ही पार्टी सिंबल देगी।
कोरोना के चलते शिक्षा के क्षेत्र में आने वाले दिनों में क्या बदलाव होगा?
जवाब: कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है। हमारी सरकार ने स्माइल प्रोजेक्ट, आकाशवाणी, दूरदर्शन के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने का पूरा प्रयास किया है। अब ई कक्षा प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया है। इसमें हमने कई तरह के कंटेंट तैयार कराए हैं। इस बारे में भारत सरकार ने भी हमसे जानकारी मांगी है।
राजस्थान शिक्षण संस्थाएं कब से शुरू करने की प्लानिंग है?
जवाब: कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जो चिंता का विषय है। इसकी हम समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से इस बारे में विस्तार से चर्चा हुई है। हमने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर तक स्थिति देखेंगे। अन्य राज्यों की स्थिति भी देखेंगे इस कारण अक्टूबर के अंत तक ही स्कूल खोले जाने को लेकर विचार किया जाएगा।
क्या अगले साल मार्च में बोर्ड परीक्षा कराई जा सकती है?
जवाब: वर्तमान स्थिति को देखते हुए तो संभव नहीं लग रहा कि फरवरी-मार्च में बोर्ड परीक्षा करा ली जाएगी। इसलिए कैलेंडर में कुछ बदलाव हो सकता है।
मॉडल स्कूलों में प्री प्राइमरी स्कूल खोलने की योजना कब शुरू होगी?
जवाब: 14 मॉडल स्कूलों में प्री प्राइमरी के लिए भवन बनकर तैयार है। यहां प्री प्राइमरी स्कूल शुरू करेंगे। इसके बाद अगले सत्र से सभी 134 मॉडल स्कूलों में प्री प्राइमरी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। अंग्रेजी माध्यम की भी अधिक स्कूल खोले जाएंगे।
संगठन में राजनीतिक नियुक्तियां न हाेने से, मंत्रिमंडल फेरबदल अटकने से क्या विधायकों में असंतोष है। आपसे विधायकों ने इस मामले में कोई चर्चा की?
जवाब: मुझसे तो आज तक इस मामले में किसी भी विधायक ने चर्चा नहीं की है। पार्टी में कोई असंतोष नहीं है। ये पार्टी आलाकमान व मुख्यमंत्री का काम है, जब उपयुक्त समय आता है तो ये चीजें की जाती हैं।
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