फर्जी दस्तावेज और झूठे शपथ पत्र देकर संतान का तथ्य छिपा कर सरकारी नौकरी पाने के मामले में खेतड़ी के अपर सेशन न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता ने एक अभियुक्त को एक वर्ष का करावास, 50 हजार रुपए का जुर्माना और इस काम मेें उसकी मदद करने वाले दो जनों को 6-6 माह का कारावास एवं 50-50 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। मामले के अनुसार जुगल किशोर के पांच संतान होने के बावजूद दो संतान बता कर झूठे शपथ पत्र के आधार पर प्रबोधक के रूप में सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली। इस काम में जुगल किशोर की रामसिंह और लीलाराम ने मदद की। जुगल किशोर को धारा 417 के अपराध में एक वर्ष का साधारण कारावास सुनाया। अभियुक्त रामसिंह व लीलाराम को धारा 417 सपठित धारा 120बी के अपराध में प्रत्येक्त अभियुक्त को 6-6 माह का कारावास एवं 50-50 हजार रुपए के अर्थ दंड से किया दंडित किया।
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