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बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

एक दशक बाद भी शिक्षाकर्मियों के भविष्य निधि खातों तक नहीं पहुंची कटौती राशि

सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों की समस्याओं एवं सेवा अभिलेख को लेकर शिक्षा अधिकारी कार्यालय कितने गंभीर हैं। इसकी बानगी का अंदाजा इससे लगता है ब्लॉक के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों की करीब 6 लाख की राशि एक दशक बाद भी उनके ईपीएफ खातों में जमा नहीं हो सकी है। महज दस हजार मानदेय प्राप्त शिक्षाकर्मियों ने कार्यालय में समय समय पर कई बार लिखित व मौखिक निवेदन कर उनके खातों में ईपीएफ की राशि जमा कराने का आग्रह किया था। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

इस दौरान शिक्षा अधिकारी बदलते रहे, लेकिन बरसों बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।जिसके कारण शिक्षाकर्मियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। मंगलवार को इस प्रकरण में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की अगुवाई में शिक्षाकर्मियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दामोदर लाल मीणा से मुलाकात कर पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए

शिक्षाकर्मियों की अंशदान राशि को ईपीएफ खातों में जमा कराने की मांग की। सीबीईओ को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि मार्च 2007 से दिसम्बर 2009 तक की अवधि की ईपीएफ राशि जो प्रत्येक शिक्षाकर्मी ने 13008 रूपए के हिसाब से पोने छह लाख के करीब 23 दिसंबर 2011 को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराई थी।कार्यालय की ओर से यह राशि कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय ज्योति नगर जयपुर में सामान्य शिक्षाकर्मियों के खातों में जमा कराई जानी थी । लेकिन तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं संबंधित कार्मिकों की ओर से संपूर्ण प्रक्रिया नहीं अपनाने के कारण 9 साल बाद भी उक्त राशि संबंधित शिक्षाकर्मियों के खातों में जमा नहीं हो सकी है।



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