प्रदेश के छह लाख घरों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। स्मार्ट मीटर लगाने के पहले फेज में करीब 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उपभोक्ताओं व फील्ड इंजीनियरों के फीड बैक के बाद दूसरा फेज में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। कई प्रदेशों में स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं के आक्रोश व शिकायतों के बाद बदलाव का काम फिलहाल धीमी गति से किया जााएगा।
स्मार्ट मीटर में मोबाइल की तरह सिम लगी होगी, इससे पूरा मीटर ही ऑनलाइन रहेगा। मीटर रीडिंग, लोड, वोल्टेज, डिसकनेक्शन-रीकनेक्शन, बिजली सप्लाई सहित अन्य कार्य की मॉनिटरिंग इंजीनियर दफ्तर में बैठकर कर सकेंगे। जयपुर डिस्कॉम में स्मार्ट मीटर लगाने का काम जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया है। डीटी मीटरिंग का काम सिक्योर मीटर्स कंपनी करेगी। जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम को आशा है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली चोरी व छीजत कम होगी तथा राजस्व घाटे में कमी आएगी।
प्रदेश में फिलहाल बिजली चोरी व ज्यादा छीजत वाले इलाकों के उपभोक्ताओं के घर मीटर बदला जा रहा है। जयपुर शहर, नदबई, बयाना, वैर, भुसावर, डीग, कुम्हेर, धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा, करौली, झालावाड़, पाटन, अकलेरा, पीड़ावा, बारां, अंता, मानरोल, केशवरायपाटन, लाखेरी, नैनवा सहित अन्य शहरों व कस्बों के ज्यादा छीजत वाले इलाकों मेंं स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे है।
जयपुर डिस्कॉम में एक स्मार्ट मीटर खरीदने पर औसतन 8 हजार रुपए खर्च होंगे। जबकि वर्तमान में लगाए जा रहा सिंगल फेज मीटर 800 रुपए व थ्री फेज मीटर 1500 रुपए में खरीदा जा रहा है। ऐसे में करीब 10 गुना ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
स्मार्ट मीटर से सिस्टम को होगा फायदा, रीडिंग लेने को नहीं जाना पड़ेगा
- रीडिंग लेने के लिए घर घर नहीं जाना पड़ेगा, दफ्तर से ले सकेंगे।
- बिजली गुल के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिलेगी।
- अब मीटर पर ऑनलाइन तरीके से लोड कम कर सकेंगे।
- इस मीटर को मोबाइल की तरह प्रीपेड व पोस्ट पेड की तरह उपयोग कर सकते है।
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