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सोमवार, 5 अक्तूबर 2020

प्रभारी मंत्री ने ‘गलती’ से सही बता दिए जोधपुर के कोरोना के आंकड़े, प्रमुख सचिव बोले- मंत्री को सीएमएचओ ने गलत आंकड़े दिए, स्टेट लिस्ट ही सही

लंबे समय से कोरोना के पॉजिटिव मरीजों और इससे हुई मौतों के झूठे आंकड़े बता रहे चिकित्सा विभाग और जिला प्रशासन की पोल जोधपुर के नवनियुक्त प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी ने ‘गलती’ से खोल दी। असल में चिकित्सा विभाग की स्टेट लिस्ट के अनुसार जोधपुर में कोरोना से 21,515 लोग अब तक संक्रमित हुए हैं और 148 मौतें हुई हैं। चौधरी ने पॉजिटिव 28,476 बताए। मौतें बताई 350 जो कि सही आंकडे से 36 कम हैं। हालांकि यह आंकड़े सही के आसपास ही हैं।

दो दिन के जोधपुर दौरे पर आए जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी रविवार को सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए तो पत्रकारों का सीधा सवाल आंकड़ों को लेकर ही था। उनसे पूछा गया कि सीएम के आदेश के बावजूद जोधपुर में रोज मरीजों और मौतों के सही आंकड़े क्यों नहीं बताए जा रहे? इस पर वे मीडिया से उलझ गए। अजीब तर्क भी दिया।

बोले- आप रिपोर्टर हैं, आंकड़े आपके लिए अहम हैं, ये समय राजनीति का नहीं है। हैरानी भरा जवाब सुन उनसे पूछा गया कि क्या मीडिया राजनीति कर रहा है? तो जवाब नहीं दिया। काफी देर दूसरी बातें करते रहे। हकीकत यह है कि सही आंकड़े रिपोर्टर से कहीं ज्यादा सरकारों के लिए अहम हैं। कम से कम बीमारी के नियंत्रण और बेहतर प्रबंधन की योजनाएं तो बनती ही आंकड़ों के आधार पर हैं।

इस बीच, देर शाम मंत्री का बयान राजधानी तक पहुंचा तो सरकार में खलबली मच गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा ने कहा कि मंत्री को सीएमएचओ ने गलत आंकड़े दिए हैं। सही आंकड़े वही हैं जो स्टेट लिस्ट में बताए गए हैं। सच क्या है, यह फिर सवाल ही बनकर रह गया।

प्रमुख सचिव के बयान पर सीएमएचओ से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। प्रभारी मंत्री प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को अपने दो नंबर देकर गए, कि आपको कोई भी जानकारी लेनी हो तो मुझे फोन करें। हमने दोनों नंबरों पर दो-दो बार फोन लगाया, लेकिन दोनों बार ही नो रिप्लाई हो गया। बहरहाल, सत्य की खोज जारी है।
कार्रवाई की बात पर चुप्पी साधी
सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रभारी मंत्री से शनिवार को जिले की समीक्षा बैठक के दौरान कोरोना प्रबंधन की खामियां व व्यवस्थाओं के बारे में सवाल पूछा गया तो वे बोले-सीएम अशोक गहलोत ने एक नारा दिया था ‘हर गलती कीमत मांगती है’। वैसे मुझे जोधपुर में कोरोना की सभी तैयारियों व संसाधन में कोई कमी नहीं लगी। जब उनसे पूछा कि कोरोना के आंकड़े छिपाने वाले अफसरों पर कार्रवाई होगी? ये सवाल सुनकर मंत्री ने चुप्पी साध ली। बार-बार पूछने पर बोले- जो कमियां बताई गई हैं, इस बारे में जयपुर जाकर सीएम को अवगत कराया जाएगा।

भास्कर इनडेप्थ: जानिए...किस तरह अधूरे आंकड़े बता महामारी की मंद रफ्तार बता रहे
सरकार- 34 दिन में 49 मौतें, 9383 रोगी, सच्चाई- 34 दिन में 221 मौतें और रोगी 14,483

कोरोनाकाल में जोधपुर के लिए सितंबर का महीना जितना डरावना रहा, उससे भी ज्यादा डरावनी अक्टूबर की शुरुआत हुई है। 164 दिन (21 मार्च से 31 अगस्त) तक जितने मरीज सामने आए थे, करीब उतने ही मरीज सितंबर व अक्टूबर में अब तक के 34 दिनाें में मिल गए। वहीं मौतें भी बढ़ गई। सितंबर की रिकवरी रेट भी मात्र 47% रही। जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग हालात पर काबू पाना तो दूर, झूठ बोलकर मौत और पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े छिपाने में लगा रहा। रिकवरी रेट भी बढ़ाकर 77% दिखा रहे।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में 8,055 काेराेना संक्रमित मिले और इनमें से 6,009 राेगी ठीक हाे गए। यानी पूरे माह की रिकवरी रेट 74.59% रही। इन 30 दिनाें में माैतें भी 44 ही बताई गई। वहीं अक्टूबर के पहले 4 दिनाें में 1328 राेगी व 4 माैतें बताई गई है। संक्रमण के चरम पर रहने के दौरान जिम्मेदारों के ये आंकड़े शहर की स्थिति करीब-करीब काबू में बताते हैं।

वहीं दैनिक भास्कर के जुटाए आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में 191 संक्रमिताें ने दम ताेड़ा और 12,808 राेगी मिले। वहीं रिकवरी रेट मात्र 46.91% रही। वहीं अक्टूबर में अब तक 1675 रोगी मिलने के साथ 30 मौतें हो चुकी हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या आंकड़ाें काे छुपाकर इस महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है?



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प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत मास्क लगाने के मुख्यमंत्री के संदेश के साथ ही की, लेकिन इसी दौरान उनका मास्क मुंह से नीचे तक था।