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सोमवार, 5 अक्तूबर 2020

लाखों रुपए का पैकेज छोड़ अजमेर में आर्गेनिक खेती की अलख जगा रहे हैं सार्थक मित्तल

दिल में जज्बा और जेहन में जुनून हो, तो इंसान बड़े से बड़े प्रलोभन को भी ठुकरा कर अपने संकल्प को पूरा कर सकता है। आईआईटी बॉम्बे से एनर्जी साइंस व इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री प्राप्त करने के बाद अजमेर के सार्थक मित्तल ऐसी ही एक मिसाल कायम करने जा रहे हैं।

आईआईटी करने के बाद लाखों रुपए के पैकेज की नौकरी और विदेश प्रवास का प्रलोभन छोड़कर सार्थक ने अपनी जन्मभूमि अजमेर में ऑर्गेनिक खेती की अलख जगाने का फैसला किया है। सार्थक का मानना है कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से पैदा किए जाने वाले खाद्य पदार्थ न सिर्फ कैंसर जैसे भयावह रोग फैला रहे हैं, बल्कि इनसे भूमि की उर्वरता भी नष्ट हो रही है।

राजस्थान को शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक स्टेट बनाना सपना

सार्थक पिछले एक साल से अजमेर में खुद जैविक खेती कर रहे हैं। इन्होंने ऑर्गेनिक अनाज, सब्जियां व मसाले उगाकर अनेक नए प्रयोग किए हैं। शीघ्र ही वे अजमेर क्षेत्र के किसानों को ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट पैदा करने के लिए प्रेरित करने की एक मुहिम छेड़ने जा रहे हैं।

उनका मानना है कि इससे अजमेर में घातक बीमारियों की रोकथाम के साथ-साथ यहां की जमीन को बंजर होने से भी बचाया जा सकेगा। वे इसके लिए सहकारी संस्थाओं व स्थानीय एनजीओ को भी अपने अभियान से जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

सार्थक ने बताया कि सिक्किम राज्य ने 76 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को प्रमाणिक तौर पर ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट के लिए तैयार कर वर्ष 2016 में अपने आपको शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक स्टेट घोषित कर दिया था। उनका सपना है कि पहले अजमेर जिले को और इसके बाद पूरे राजस्थान को भी इसी श्रेणी में लाया जाए।

सरकार की ऑथोरिटी ऑर्गेनिक खेती का प्रमाण पत्र देती है
सार्थक ने बताया कि जिन प्रोडक्ट्स पर भारत सरकार की एग्रीकल्चर एंड एलाइड फूड प्रोडक्ट एक्सपर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (एपीडीए) की ओर से जारी इंडिया ऑर्गेनिक का प्रमाणीकरण मार्क लगा होता है, वही सर्टिफिकेट ऑर्गेनिक प्रोडक्ट होते हैं।

उन्होंने बताया कि 2 से 3 साल की अवधि में खेत को पहले रासायनिक कीटनाशकों व खाद के उपयोग से मुक्त करने के बाद ही भारत सरकार की ऑथोरिटी ऑर्गेनिक खेती का प्रमाण पत्र देती है। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का व्यापार करने वाली कंपनी को भी यह सर्टिफिकेट लेना पड़ता है।

सार्थक का सपना है कि अजमेर क्षेत्र का हर किसान नैसर्गिक तरीके से उगाए जाने वाले पौष्टिक एवं स्वास्थ्य वर्धक खाद्यान्नों का ही उत्पादन करे। उल्लेखनीय है कि सार्थक, मित्तल हॉस्पिटल के निर्देशक मनोज मित्तल के सुपुत्र हैं।



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Sarthak Mittal is leaving the package of millions of rupees and awakening the importance of organic farming in Ajmer