जिले का एक मात्र आंखों के अस्पताल के दिन फिरने वाले हैं। यह अस्पताल अभी तक उपेक्षा का शिकार रहा है, जहां न विशेषज्ञ डॉक्टर थे और न ही जांच के आधुनिक उपकरण। यहां टॉर्च से ही नहीं आंखे देखकर उनका इलाज कर दिया जाता था। अब यहां मरीजों को आधुनिक मशीनों से इलाज का सुविधा मिलेगी जो प्राइवेट अस्पतालों में भी सुलभ नहीं हैं।
दरअसल, मेडिकल काॅलेज खुलने के बाद से यहां 6 नेत्र विशेषज्ञ नियुक्त हो चुके हैं और करीब 1 करोड़ 40 लाख कीमत की आधुनिक मशीनें आ चुकी हैं। एक-एक मशीन 25 और 50 लाख रुए है, जिन्हें भरतपुर के प्राइवेट अस्पताल भी नहीं लगा पाए हैं। इसी के साथ अब यहां ग्लूकोमा यानी काले पानी की जांच की भी सुविधा होगी, जो जयपुर और आगरा में दो-ढाई हजार रुपए में जांच होती है। रामकटोरी राजकीय नेत्र चिकित्सालय में मेडिकल कॉलेज की नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रभा फौजदार बताती हैं कि नेत्र चिकित्सालय में अब हर प्रकार की जांच से लेकर ऑपरेशन तक की मरीजों को सुविधा मिलेगी। जिनमें खासकर ग्लूकोमा यानि काले पानी की जांच की सुविधा जिले में प्राइवेट अस्पतालों में भी नहीं होने के कारण मरीजों को जयपुर और आगरा जाना पड़ रहा था।
अब यहां पैरिमीटर जांच मशीन आ गई है, जिसे जल्दी ही इंस्टॉल किया जाएगा। इसके लिए अलग से रूम खाली किया जाएगा। काले पानी के मरीजों की हर 6 माह में जांच कराने की जरूरत होती है। जांच नहीं कराने के कारण कई बार मरीज की 90% तक आंख डैमेज होने के बाद पता चलता है। परंतु अब मरीजों को जांच कराना आसान हो जाएगा। इस मशीन से न्यूरो की जांच भी हो सकेगी, जिससे न्यूरो के मरीजों का कंप्रेशन का पता चलता है। न्यूरो सर्जन मरीजों की सर्जरी से पहले इस मशीन से जांच करा सकेंगे।
भामाशाह ने दिए अस्पताल की मरम्मत के लिए ढाई लाख रुपए रामकटोरी नेत्र चिकित्सालय की बिल्डिंग काफी पुरानी है जिसमें मरम्मत का कार्य आवश्यक है। इस मरम्मत कार्य के लिए भामाशाह ने ढाई लाख रुपए दान दिए हैं, जिससे मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। इसके बाद बिल्डिंग भी सुधर जाएगी।
मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज
रामकटोरी राजकीय नेत्र चिकित्सालय नेत्र विशेषज्ञों की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां करीब एक करोड़ 40 लाख रुपए कीमत की मशीनें आई हैं, जिनसे काले पानी की जांच सहित अन्य सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी।
डॉ नवदीप सैनी, पीएमओ, आरबीएम अस्पताल
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