शिव प्रकाश शर्मा. भगवान ऐसी माैत किसी काे नहीं दे कि चार बेटे और छह पाैते हाेने के बाद भी बुजुर्ग पिता काे अंतिम समय में परिवार का काेई बेटा मुखाग्नि नहीं दे पाया। काेराेना संक्रमण ने परिवार काे ऐसे हालात में पहुंचा दिया कि नगर निगम की ओर से आदर्श नगर श्मशान में ट्रस्ट के कर्मचारी मांगीलाल मेहरा, बाला कुमार, दुर्गेश और विरेंद्र ने ही बेटे का धर्म निभाते हुए परंपरा के अनुसार मृतक बुजुर्ग काे मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
मामले के अनुसार काेराेना संक्रमण के कारण किशनगढ-अजमेर निवासी ज्वैलर शांतिलाल गाेधा 88 की आरयूएचएस में शनिवार सुबह पांच बजे देहांत हाे गया। वे एक नवंबर से आरयूएचएस में भर्ती थे। उनके काेराेना हाेने के साथ ही परिवार के 13 लाेग काेराेना की चपेट में आ गए। इनमें से कई लाेग जयपुर के अस्पतालों में भर्ती है। गाेधा का देहांत हाेने के बाद परिवार के लाेगाें ने आरयूएचएस में सूचना दी कि परिवार के अन्य लाेगाें भी काेराेना संक्रमित हाेने के कारण अंतिम संस्कार करने में असमर्थ है।
शांति लाल गाेधा के बड़े बेटे अशाेक, उनसे छाेटे सुरेंद्र, तीसरे सतीश गाेधा काेराेना संक्रमित है। चौथे बेटे दिलिप दूसरे राज्य में बीमार हाेने के कारण जयपुर नहीं पहुंच पाए। इसके बाद चिकित्सा विभाग ने कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शव काे नगर निगम काे सौंप दिया गया। शव का श्रीनाथ गाै सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट ने अंतिम संस्कार किया।
ट्रस्ट के महासचिव आरके सारा ने बताया कि उनकाे परिवार के सभी लाेगाें के काेराेना संक्रमित हाेने की सूचना मिली। अंतिम समय में परिवार का काेई सदस्य नहीं हाेने और परिवार के आग्रह पर स्वयं आदर्श नगर श्मशान पहुंच कर परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार करवाया।
ऐसी माैत किसी काे न मिले
शांति लाल गाेधा के बेटे ने कहा भगवान ऐसी माैत किसी काे नहीं दे। वे अपने पिता का अंतिम संस्कार करना चाहते थे लेकिन काेराेना ने पूरे परिवार काे चपेट में ले रखा है। परिवार के अन्य लाेग अस्पतालों में भर्ती हाेने के चलते अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हाे पाए। फिर कोरोना पूरे परिवार काे चपेट में लेने लगा
एक्सपर्ट का कहना है कि काेराेना संक्रमण कम हाेने पर कुछ दिन से जाे लाेग काेराेना की परवाह नहीं कर रहे अब वे अलर्ट हाे जाएं। संयुक्त परिवार के लाेग घर में भी मास्क का प्रयोग करें। एक ही परिवार के 13 से ज्यादा लाेग संक्रमित हाेने पर काेराेना वायरस क्लस्टर मेंं बदल गया। इसका परिवार के लाेगाें के संक्रमित हाेने से पता चल रहा है।
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