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शनिवार, 7 नवंबर 2020

गुर्जर आंदोलन: कर्नल बैंसला ने 9 से प्रदेशभर में चक्काजाम की चेतावनी, विरोधी गुट ने नकारा पुत्र का नेतृत्व

बयाना। गुर्जर आंदोलन के एक सप्ताह बाद भी शनिवार को कोई हल निकलता नजर नहीं आया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दौसा जिले के सिकंदरा में पहुंचकर सरकार द्वारा मांगे नहीं मानने पर 9 नवंबर को प्रदेश भर में चक्काजाम करने का ऐलान किया है। उससे पहले रविवार को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में समाज की एक और बैठक होगी।

जिसके बाद आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जायेगा। वहीं, 41 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने कर्नल के पुत्र विजय बैंसला के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया है।

वहीं शनिवार को गुर्जर आंदोलन को समाप्त कराने को लेकर सरकार की तरफ से भी कोई पहल होती हुई नजर नहीं आई। पूरे दिन सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कोई भी पीलूपुरा नहीं पहुंचा। ऐसे में गुर्जरों का आंदोलन अभी भी जारी है।

बयाना के पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर दिनभर गुर्जर समाज के लोग आंदोलनरत रहे बीच कर्नल बैंसला करौली जिले के हिंडौन स्थित अपने आवास से दौसा जिले के सिकंदरा के लिए रवाना हुए और वहां पर समाज के लोगों के साथ बैठक की। बैठक में 9 नवंबर से आंदोलन को और तेज करने के बारे में चर्चा की गई।

लेकिन इससे पहले रविवार को गुर्जर समाज के लोगों की फिर से एक बार बैठक होगी और उसके बाद ही आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

गुर्जर समाज ने शनिवार को भी पीलूपुरा पर रेल मार्ग के साथ ही सड़क मार्ग जाम कर दिया। इस दौरान कई दोपहिया वाहन चालकों को रास्ता बदलकर अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ा। वही दुपहिया वाहन चालकों को भी काफी परेशानी हुई।

स्वीकार नहीं विजय का नेतृत्व
सरकार से वार्ता कर समझौता कर लौटे 80 गांव के 41 सदस्यीय दल ने शनिवार को एक बार फिर प्रेस वार्ता की जिसमें श्रीराम बैंसला, यादराम, विजय राम समेत कई समाज के लोग मौजूद थे। सभी लोगों ने एक स्वर में विजय बैंसला के नेतृत्व को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

साथ ही कहा कि समाज का नेता चुनने का अधिकार सिर्फ समाज को है कर्नल बैंसला अकेले समाज का नेता नहीं चुन सकते। इस अवसर पर यादराम ने कहा कि पीलूपुरा में जिस स्थान पर समाज के 16 लोग शहीद हुए विजय बैंसला उसी स्थान पर अपना जन्मदिन का केक काटकर खुशी मना रहा हैं जो कि उन्हें स्वीकार नहीं है।



* This article was originally published here