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रविवार, 8 नवंबर 2020

फीस नहीं लेंगे ताे सैलेरी और अन्य खर्चे कैसे देंगे : संचालक, जब बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं ताे हम पैसे क्यों दें : पेरेंट्स

काेविड-19 के बाद सभी स्कूल बंद पड़े हैं। स्टूडेंट्स की पढ़ाई ऑनलाइन हाे रही है, लेकिन इसके बीच स्कूल संचालकाें द्वारा फीस की वसूली करने का मामला सबसे ज्यादा सुर्खियाें में है। अभिभावक जहां पूरी फीस जमा करवाने के लिए तैयार नहीं हैं, वहीं स्कूल संचालक स्टाफ की सैलेरी, बिजली, पानी के बिल सहित अन्य खर्चाें के कारण फीस लेने काे सही बता रहे हैं। अभी तक मामले का काेई समाधान नहीं हाे पा रहा है।

अभिभावकाें का कहना है कि काेराेना के बाद से स्कूल बंद पड़े हैं, बच्चाें की ऑफलाइन पढ़ाई ही नहीं हुई है, ताे पूरी फीस किस बात की दें। वहीं, कुछ अभिभावक इस बात पर राजी हैं कि स्कूल संचालक फीस में 50 प्रतिशत छूट दें। फीस वसूली पर काेई राज्य सरकार का काेई स्पष्ट रुख नहीं हाेने के कारण प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालकाें ने 5 नवंबर से ऑनलाइन पढ़ाई भी बंद कर दी है। भास्कर ने पूरे मामले काे लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकाें और पेरेंट्स से बात करते हुए उनका पक्ष जाना। पढ़ें स्पेशल रिपाेर्ट :

स्कूल संचालक बोले-आर्थिक रूप से मजबूत पेरेंट्स ताे फीस दें, हम किस्ताें में लेने काे तैयार

^पिछले आठ महीने से स्कूलाें में स्टूडेंट्स की फीस नहीं आ रही हैं। हम स्टूडेंट्स की तैयारी काे ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं लगा रहे हैं। हमारे खर्चे ताे जस के तस हैं। बिजली-पानी के बिल और स्टाफ की सैलेरी हर महीने दे रहे हैं। पेरेंट्स स्थिति के अनुसार हमें फीस जमा करवा दें। हम किस्ताें में फीस लेने काे तैयार हैं। -सत्यप्रकाश शर्मा, अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल एसाे.

^जाे अभिभावक आर्थिक रूप से सक्षम हैं, कम से कम उन्हें ताे स्कूल में फीस जमा करवानी चाहिए। लेकिन आश्चर्य की बात है कि ऐसे अभिभावक भी फीस जमा करवाने काे लेकर गंभीर नहीं हैं। स्टाफ की सैलेरी से लेकर बिजली-पानी का खर्च समय पर जमा करवा रहे हैं। इनका भुगतान हम अपनी जेब से कब तक करेंगे।
-वीरेंद्र कुमार जैन, डायरेक्टर अरिहंत एजुकेशनल ग्रुप

^आठ महीने से स्कूलाें में फीस जमा नहीं हाे रही है। सरकार या ताे स्कूलाें काे अंतरिम राहत दे अथवा स्कूलाें काे फीस जमा करवाने संबंधित प्राेसेस लागू करें। ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के अलावा हम शिक्षकाें की सैलेरी के अलावा अन्य खर्चे वहन कर रहे हैं। -संजय शर्मा, महामंत्री प्राइवेट स्कूल एसाेसिएशन

^स्कूल बंद हाेने से हमारे खर्चाें में सिर्फ 20 से 25 प्रतिशत कमी हुई है। सरकार ने बाेर्ड परीक्षा फीस कम नहीं की है। हम और पेरेंट्स परिवार के सदस्य हैं। अभिभावक हमें परिवार की तरह समझें और फीस जमा करवाने में सहयाेग दें।
-महेश गुप्ता, डायरेक्टर शिव ज्याेति एजुकेशन ग्रुप

^जाे सरकारी सेवा अथवा सक्षम हैं वाे ताे फीस जमा करवाएं। अब हमारी स्थिति विकट हाे चुकी है। इससे बच्चाें का नुकसान है। ऐसी स्थिति रही ताे अच्छे शिक्षक इस प्राेफेशन काे जल्द छाेड़ जाएंगे। इसका नुकसान साेसायटी काे हाेगा।
-गाैरव सूद, डायरेक्टर सिल्वर बैल्स स्कूल

अभिभावकाें के अनुसार दबाव बना रहे हैं स्कूल संचालक, लेकिन हम झुकेंगे नहीं

^स्कूल संचालक झूठ बाेल रहे हैं कि अभी ज्यादातर पेरेंट्स ने फीस नहीं दी है। मेरे हिसाब से काफी अभिभावकाें ने फीस जमा करवा दी है। सरकार और न्यायालय के अनुसार अभिभावक रियायत के अनुसार फीस देने काे तैयार हैं। संचालक दबाव बनाकर फीस लेना चाहते हैं, हम किसी भी सूरत में तैयार नहीं हैं।
-क्रांति तिवारी, अध्यक्ष अभिभावक महासंघ

^ऑनलाइन पढ़ाई का काेई मतलब नहीं है। ज्यादातर बच्चाें काे ये समझ नहीं आ रही है। स्कूल में एडमिशन के समय बच्चाें से सिक्याेरिटी राशि भी जमा करवाते हैं, उसका ब्याज भी मिलता है। स्कूलाें में बच्चाें के लाखाें रुपए जमा है। हम फीस ताे तब ही देंगे जब स्कूल ऑफलाइन संचालित हाेंगे। अभी फीस जमा नहीं करवाएंगे।
-मुकेश कुमार भटनागर, तलवंडी

^लाॅकडाउन के दाैरान बच्चा स्कूल ही नहीं गया ताे किस बात की फीस जमा करवाएं? नाे स्कूल नाे-फीस हाेना चाहिए। स्कूल संचालक इस बारे में साेचेें। हम किसी भी तरह फीस जमा नहीं करवाएंगे। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर औपचारिकता हाे रही है।-धीरेंद्र शर्मा, तलवंडी

^अभी बच्चे स्कूल ही नहीं जा रहे हैं। ऐसे में फीस लेना सही नहीं हैं। हम फीस जमा नहीं करवाएंगे। फीस के नाम पर यह गलत इश्यू बना रहे हैं। जबकि इन्हें बच्चाें केे लिए फीस में राहत देनी चाहिए। फीस में राहत देना ही सबसे बेहतर विकल्प है। -रेखा मीना, कुन्हाड़ी

^जब तक ऑफ लाइन कक्षाएं शुरू नहीं हाेती हैं तब तक इन्हें फीस नहीं लेना चाहिए। हम ऐसी स्थिति में फीस देने के लिए तैयार नहीं हैं। स्कूल संचालक ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने हमसे फीस लेना चाहते हैं ताे किसी भी तरह से सहमत नहीं हैं।
-गुल माेहम्मद, कुन्हाड़ी



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