शहर में चल रही पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में शुक्रवार को पहले सत्र में मेवाड़ से जुड़ा दिलचस्प प्रश्न था। अभ्यर्थियों से पूछा गया था कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के पिता पुरुषोत्तम सुखाड़िया किस से खेल से संबंधित थे। उत्तर के चार विकल्प थे- फुटबॉल, बैडमिंटन, हॉकी और किक्रेट। भास्कर ने इसी प्रश्न पर इतिहास खंगाला। सामने आया कि पुरुषोत्तम सुखाड़िया क्रिकेट के जाने-माने खिलाड़ी थे।
उनके प्रप्रौत्र और पूर्व मुख्यमंत्री सुखाड़िया के पौत्र दीपक सुखाड़िया बताते हैं कि परिवार झालावाड़ का है, लेकिन नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में आस्था थी। यही कारण था कि तत्कालीन तिलकायत गोस्वामी दामोदर महाराज और परदादा जी एक-दूसरे के निकट थे। दामोदर महाराज भी क्रिकेट सीखने के इच्छुक थे। उन्हीं के प्रस्ताव पर परिवार नाथद्वारा में आ बसा।
दीपक सुखाड़िया ने बताया कि परदादा जी पुरुषोत्तम दास मुंबई में स्कूल टीचर थे। क्रिकेट में उनकी बेहद दिलचस्पी थी। वे मुंबई और सौराष्ट्र टीम के खिलाड़ी थे। क्रिकेट प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए उन्होंने 1912 में नौकरी करते हुए बचत के पैसों से शील्ड (टूर्नामेंट) की शुरुआत थी। कुछ समय बाद इस प्रतियोगिता में सर्व समाज की भागीदारी होने लगी।
आज भी मुंबई का हर क्रिकेट प्रेमी पुरुषोत्तम शील्ड क्रिकेट टूर्नामेंट से बखूबी वाकिफ है। यह सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट है। पीजे हिंदू जिमखाना अपनी स्थापना के समय से ही इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। पुरुषोत्तम शील्ड टूर्नामेंट में विजय मर्चेंट, वीनू मांकड़, बापू नाडकर्णी, माधव मंत्री, एकनाथ सोलकर, सुनील गावस्कर, उमेश कुलकर्णी, सचिन तेंदुलकर जैसे नामचीन खिलाड़ी हिस्सा ले चुके हैं।
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