बूंदी,जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता शनिवार को सरकारी योजनाओं की धरातल पर सच्चाई जानने के लिए अनूठी पहल करते हुए अचानक बूंदी शहर के कुछ योजनाओं के लाभान्वित परिवारों के यहां जा पहुंचे। अचानक जिला कलेक्टर को सामने देख यह लोग एक बार असमंजस में पड़ गए लेकिन जब जिला कलेक्टर ने योजनाओं के भुगतान एवं लाभ इत्यादि के बारे में लोगों से बातचीत की,उनकी परेशानी जानी तो वे गदगद हो गए। लाभान्वित लोगों ने बताया कि योजनाओं का पूरा लाभ आर्थिक संबल उन्हें मिल रहा है और संतुष्टि व्यक्त की. जिला कलेक्टर ने ना केवल लाभान्वित से योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली बल्कि उन्हें लाभ पहुंचाने वाली अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी और उनका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बालचंदपाडा निवासी दिव्यांग घनश्याम सैनी के निवास पर जाकर उन्हें मिल रही पालनहार और पेंशन योजना की जानकारी ली। इस दौरान घनश्याम सैनी ने बताया कि वह सिलाई का काम करता है। पालनहार एवं पेंशन का भुगतान नियमित रूप से होने पर उसे संबल मिल रहा है। जिला कलक्टर ने दिव्यांग घनश्याम की पुत्रियों की शिक्षा के बारे में जानकारी ली और उन्हें शिक्षा में आगे और प्रयास करने के लिए समझाया। इस दौरान उन्होंने घनश्याम सैनी की दिव्यांग पत्नी को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत आवेदन करने की सलाह भी दी।
जिला कलक्टर ने नैनवां रोड पर चांदना होटल के पास निवासरत विधवा ममता कंवर के निवास पर पहुंचकर विधवा पालनहार और पेंशन के बारे में जानकारी ली। ममता कंवर ने बताया कि उसे 2000 की आर्थिक सहायता मिलती है और पेंशन मिलती है, जो उसके बहुत काम आती है। इसके साथ ही वह सिलाई का कार्य भी करती है। इस दौरान जिला कलक्टर ने बच्चों के बारे में जानकारी ली।
इसके बाद जिला कलक्टर ने विकास नगर बाईपास निवासी कांता गोचर निवासी के निवास पर जाकर उसे मिल रही पालनहार योजना, पेंशन योजना के बारे में जानकारी ली। कांता गोचर ने बताया कि उसे पालनहार , पेंशन का नियमित पैसा मिल रहा है। इससे उसे आर्थिक संबल मिल रहा है। कांता गोचर ने बताया कि उसने अपनी पुत्री का विवाह 25 नवंबर को किया है। इस पर जिला कलक्टर ने कांता गोचर को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत आवेदन करने की सलाह दी। जिला कलक्टर ने राखी बाई से पालनहार की राशि प्राप्त होने और मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी भी ली। इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक जे.पी. चांवरिया साथ रहे।