इस पर सरकार सख्त हो गई। इनके ड्यूटी जॉइन करने का विभागीय आदेश निकाला। फिर भी नहीं मानी तो गुरुवार अलसुबह 6:30 बजे धरना स्थल पर पुलिस पहुंची। टेंट उखड़ा और वहां सो रहीं 12 आशा सहयोगिनी को गिरफ्तार करके ले गई। अन्य आशा सहयोगिनी ने विरोध किया तो पुलिस ने खदेड़ दिया। फिर नेहरू गार्डन में एकत्र हो गईं। दोपहर 1 बजे पुलिस पहुंची और उन्हें बस में भरकर बजाज नगर थाने ले गई।
आशा सहयोगनी यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष कौशल्या ढाका सहित 12 आशा सहयोगिनियों को छुड़वाने के लिए थाने का घेराव कर दिया। दिनभर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शाम 5 बजे पुलिस ने गिरफ्तार आशा सहयोगिनी को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 1-1 लाख के मुचलके पर जमानत पर छोड़ा। जमानत पर रिहा होने के बाद कौशल्या ढाका के बजाज नगर थाने पहुंचीं। मजबूर होकर आशा सहयोगिनियों अपना धरना समाप्त घोषित कर दिया।
ये समझौता हुआ
आईसीडीएस एवं चिकित्सा विभाग द्वारा इनके सरल जॉब चार्ट व कार्य विभाजन तय किया जाएगा। इसमें आंगनबाड़ी मानदेय कर्मी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा आशा सहयोगिनी के मध्य कार्य विभाजन व दायित्व सरल रूप में निर्धारित किया जाएगा।