अजमेर.
जेईई मेन परीक्षा में देरी और कोरोना संक्रमण के चलते इंजीनियरिंग कॉलेज के दाखिलों पर असर पड़ सकता है। तकनीकी शिक्षा विभाग को सत्र 2021-22 में भी जेईई मेंस के अलावा बारहवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श की तैयारी में है।
राज्य के सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस (रीप) के तहत प्रवेश होते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों का जेईई मेंस परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। विद्यार्थियों को वरीयता सूची के अनुसार कॉलेज और ब्रांच आवंटित की जाती है।बारहवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को दाखिले...पिछले साल लॉकडाउन सहित जेईई मेन परीक्षा में देरी हुई थी। ऐसे में तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड ऑफ गर्वनर्स की बैटक में तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जेईई मेंस के अलावा 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को बारहवीं उत्तीर्ण आधार पर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश का प्रस्ताव दिया। इसकी सत्र 2020-21 में पालना की गई। राज्य में कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए अगले सत्र में भी कुछ यही फार्मूला अपनाना पड़ सकता है।
यूं दिए जाते हैं सीधे प्रवेश...
इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, पॉलीटेक्निक, आईआईटी, एनआईटी संस्थान प्रतिवर्ष सीट खाली होने पर सूचना/विज्ञापन जारी कर विद्यार्थियों को सीधे प्रवेश देते हैं। इसमें प्रवेश परीक्षाओं के अलावा उनके बारहवीं के अंकों-वरीयता जैसे पैमाने होते हैं।
दो चरण में बैठे 10 लाख विद्यार्थी
जेईई मेन की फरवरी और मार्च में आयोजित प्रथम चरण में 10 लाख विद्यार्थी बैठे थे। 27 से 30 अप्रेल तक स्थगित हो चुकी तृतीय चरण की परीक्षा में भी 4 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। अब मई में 24 से 28 मई तक होने वाली परीक्षा के लिए आवेदन लिए जाने हैं।
source https://www.patrika.com/ajmer-news/admission-direct-admission-policy-for-engineering-college-6823789/