- भुवनेश जैन
जब भी देश में किसी तरह का संकट आता है-दो प्रकार के लोग सक्रिय हो जाते हैं। एक वे जो इस संकट के कारण आहत जनता को किसी न किसी तरह राहत पहुंचाने के लिए सेवा और दान कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। दूसरे वे जो इस संकट में काली कमाई के जरिए घर भरने में लग जाते हैं। ये लोग परेशान जनता की मुसीबतें बढ़ाते रहते हैं और उनके घावों पर नमक डालते रहते हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण आए संकट में भी इन दोनों मानसिकताओं वाले लोग पूरी तरह सक्रिय हैं। एक तरफ हर शहर, हर गांव में मदद के हाथ आगे बढ़ रहे हैं, दूसरी ओर ऐसे संकट में कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक साधनों और वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ती जा रही है। जिस चीज की जरा सी भी मांग बढ़ी जमाखोर उसे तुरंत इकट्ठा कर लेते हैं और फिर 10 से 100 गुना दामों में बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। इस दूसरी श्रेणी के लोगों को मानव का मुखौटा लगाए दानव कहना उचित रहेगा।
सरकारें दावा करती हैं, देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, पर ऑक्सीजन ही आज सबसे दुर्लभ चीज बन गई है। यही हाल रेमडेसिविर जैसे इंजेक्शनों व कोरोना के उपचार में सहायक अन्य औषधियों का है। और तो और सोशल मीडिया पर अगर कोरोना संबंधी कोई नुस्खा चलता है तो उससे संबंधित सामग्री बाजार से गायब हो जाती है। ऑक्सीमीटरों, स्टीम इन्हेलरों और यहां तक कि थर्मामीटर तक जमाखोरों के हत्थे चढ़ गए। इनके दाम दोगुने तक जा पहुंचे। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर जमाखोर ऑक्सीजन और इंजेक्शन जैसी जीवन बचाने वाली सामग्री को पहले बाजार से गायब करने और फिर मनमाने दाम पर बेचने में लगे हैं। कई अस्पतालों में पलंगों के 'दाम' आसमान छू रहे हैं। सिस्टम में बैठे कुछ काले चेहरे छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए इनकी मदद करते हैं।
आश्चर्य की बात यह है कालाबाजारी, मिलावट, जमाखोरी के मामले रोज सामने आ रहे हैं, फिर भी इस तरह की वस्तुओं को अब तक महामारी अधिनियम या आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है। कोरोना के पिछले दौर में मास्क और सैनेटाइजर की कीमतें तो निर्धारित की गई थीं, पर अन्य कई आवश्यक सामग्रियों को छोड़ दिया गया। ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शनों के वितरण का काम सरकार ने स्वयं के हाथ में ले लिया है, पर इससे भी कोई विशेष राहत नहीं मिल पाई है। हर जगह इनकी जमकर कालाबाजारी हो रही है।
आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं। जीवन बचाने वाली सामग्री को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत लाने के लिए केन्द्र पर दबाव बनाया जाए और वितरण की व्यवस्था पारदर्शी बनाई जाए। इन मामलों में ढील, भेदभाव, मुनाफाखोरी और राजनीति करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी।
source https://www.patrika.com/opinion/public-will-never-forgive-and-forget-what-is-happening-today-6832685/