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बुधवार, 26 मई 2021

कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने की जरूरत: गहलोत


 Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना रोगियों के इलाज एवं जांच में निजी अस्पतालों, लैब और दवा दुकानदारों द्वारा निर्धारित दरों से अधिक पैसे वसूलने की घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करें.

उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना पीड़ितों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है. इस संबंध में किसी भी शिकायत के सामने आने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना से मृत्यु पर शव परिवहन एवं ससम्मान अंतिम संस्कार की निशुल्क व्यवस्था की है, उसकी निचले स्तर तक पालन और मॉनिटरिंग में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

गहलोत मंगलवार शाम को प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी संभावित लहर का सामना करने की प्रभावी रणनीति तैयार की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञ थर्ड वेव में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. ऐसे में इसके प्रबंधन में हमें कोई कसर नहीं छोड़नी है. इसके लिए अन्य देशों एवं राज्यों द्वारा किए गए उपायों का भी अध्ययन करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान देशभर में इस महामारी से हुई मौतों के विचलित करने वाले दृश्य सामने आए हैं. यह मानवता को झकझोरने वाली त्रासदी है, जिसका परिवारों की मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थितियों पर गहरा प्रभाव पड़ा है.

आंकड़े छुपाने की परंपरा नहीं

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु के मामलों की ऑडिट कराएं ताकि कोविड और नॉन कोविड मौतों की वास्तविकता का पता चले और कोविड पीड़ित परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के संबंध में निर्णय लिया जा सके. उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्थान में मौतों की संख्या छिपाने की परंपरा नहीं है. हमें आंकड़ों की नहीं, प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है. हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ समाज के सभी वर्गों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही

वैक्सीनेशन तीसरी लहर से बचाव में मदद करेगा

गहलोत ने कहा है कि प्रदेश की युवा आबादी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय सहित सभी स्तर पर प्रयास करें ताकि वैक्सीनेशन का काम तेजी से आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव में मदद करेगा.

वेयर हाउस की संख्या बढ़ाने की जरूरत

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि तीसरी लहर से मुकाबले के लिए निचले स्तर पर शिशु गहन चिकित्सा इकाइयों (पीकू) को स्थापित करने तथा मेडिकल उपकरणों के भंडारण एवं रखरखाव के लिए वेयर हाउस की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पड़ेगी.

केंद्र राज्यों उपलब्ध कराए टीका

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लाटों की स्थापना और कंसंट्रेटर का वितरण योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न राज्य ग्लोबल टेंडर के माध्यम से वैक्सीन की खरीद में व्यावहारिक बाधाओं का सामना कर रहे हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि केंद्र सरकार वैक्सीन की एकीकृत खरीद कर राज्यों को उपलब्ध कराए.

पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है. जाननगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का नियमित उठाव जारी है. केंद्र सरकार डीआरडीओ के माध्यम से दूसरे चरण में प्रदेश में 9 नए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए हैं. राज्य में डीआरडीओ की ओर से लगाए जाने के लिए स्वीकृत प्लांटों की संख्या अब 25 हो गई है.

एक्टिव केस की संख्या 90 हजार से कम

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव केसेज की संख्या 90 हजार से नीचे आ गई है. रिकवरी रेट बढ़कर 89 प्रतिशत हो गई है. केस डबलिंग टाइम भी 82 दिन हो गया है. राज्य में 10 हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त हुए हैं, जिनका वितरण जिलों में किया जा रहा है. तीसरी लहर की तैयारी के क्रम में आगामी दिनों में पंचायत स्तर पर 2 पीएचसी स्तर पर 7 तथा सीएचसी स्तर पर 10 कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की योजना है.

उन्होंने बताया कि 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लिए प्रदेश को आवंटित लगभग 15 लाख वैक्सीन डोज लगा दी गई हैं. आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार तथा एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) महामारी के उपचार तथा बचाव के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज में गठित राज्य स्तरीय बोर्ड द्वारा प्रदेशभर के 470 चिकित्सकों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ऑरियंटेशन किया गया है. इसी प्रकार बच्चों के लिए कोविड उपचार के प्रोटोकॉल के बारे में भी शिशु रोग तथा अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से पीएचसी स्तर के चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई गई है.

उन्होंने बताया कि जयपुर में जेके लोन अस्पताल के साथ-साथ गणगौरी बाजार तथा सेठी कॉलोनी स्थित राजकीय चिकित्सालयों में बच्चों के लिए कोविड डेडिकेटिड अस्पताल के रूप में सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.