नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को अपनी सरप्लस रकम से 99,122 करोड़ रुपये की देने का फैसला किया है। इसकी मंजूरी आज रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में दी गई। यह रकम जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 तक के नौ महीने के लिए है।
बोर्ड ने यह तय किया है कि रिजर्व बैंक में आपातकालीन जोखिम बफर 5.50 प्रतिशत फीसदी तक बनाए रखा जाएगा। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है कि यह सरप्लस रकम 31 मार्च, 2021 को समाप्त हो रही 9 माह की अकाउंटिंग पीरियड के लिए सरकार को हस्तांतरित की जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की शुक्रवार को हुई बैठक में इस बाबत फैसला किया गया।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, रिजर्व बैंक के लेखा वर्ष को बदलकर अप्रैल से मार्च कर दिया गया है पहले यह जुलाई से जून था, इसलिए बोर्ड ने जुलाई से मार्च 2021 के नौ महीने के संक्रमण अवधि के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की। इससे पहले बोर्ड ने लेखा वर्ष 2019-20 के लिए सरकार को 57,128 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने पर अपनी सहमति दी थी। यह पिछले साल से पहले बीते सात वर्षों में सबसे कम सरप्लस ट्रांसफर था। साल 2019 में आरबीआई ने केंद्र सरकार को 1,23,414 करोड़ रुपये अधिशेष हस्तांतरित किया था।
यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।