नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गरीब और कम आय के लोगों के लिए सस्ती इंश्योरेंस पॉलिसी प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुआत इसलिए की थी, ताकि वो भी इसका फायदा उठाकर अपने आपको सुरक्षित कर सके। पिछले एक साल की बात करें तो इस योजना के तहत सरकार सरकार को 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा डेथ क्लेम का भुगतान करना पड़ा है। वो भी तब जब सरकार खुद आर्थिक तंगी में है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार को इस साल इतना डेथ क्लेम का भुगतान क्यों करना पड़ा।
कोरोना वायरस बना वजह
वास्तव में बीते एक सवा साल में कोरोना वायरस का कहर दुनिया में अमरीका के बाद भारत में देखने को मिला है। इस बीमा के अंतर्गत आने वाले लोगों की मौतें भी हुई हैं, जिसकी वजह से सरकार द्वारा दिए जाने वाले डेथ क्लेम में इजाफा हुआ है। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में 1134 करोड़ रुपए के डेथ क्लेम का भुगतान किया है। इस दौरान 56,716 डेथ क्लेम का भुगतान किया गया, जिसमें इंश्योरेंस खरीदने वाले व्यक्ति के परिजनों को 2-2 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
50 फीसदी से ज्यादा कोविड से मौत
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी की वजह से होने वाली मौतों के कारण टर्म इंश्योरेंस के क्लेम में इजाफा देखने को मिला है। अधिकारियों के अनुसार वित्त वर्ष 2021 और 2022 में जितने भी डेथ क्लेम्स का भुगतान हुआ है उसमें से 50 फीसदी से ज्यादा मौतें कोविड के कारण हुई हैं। वित्त वर्ष 2021 में 10.27 करोड़ लोग प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में थे।
क्या हैं इस योजना की शर्तें
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 55 साल तक की उम्र तक लाइफ कवर देती है।
- किसी भी वजह से बीमा कराने वाले की मौत होने पर उसके नॉमिनी को 2 लाख रुपए की धनराशि मिलती है।
- कोविड से मौत भी प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में कवर होती है, हालांकि साथ में कुछ शर्तें लागू हैं।
- 18 से 50 साल तक की उम्र का नागरिक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ ले सकता हैं।
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का वार्षिक प्रीमियम केवल 330 रुपए है।
- पॉलिसी लेने के 45 दिन के अंदर एक्सीडेंट के अलावा दूसरी वजह से मौत पर बीमा का लाभ नहीं मिलता है।
- एक्सीडेंट की वजह से हुई मौत इस पॉलिसी में पहले दिन से कवर होती है।
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