PALI SIROHI ONLINE
पाली। पाली में गहराए जल संकट से निजात पाने के लिए संभाग स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए है, लेकिन जवाई में पानी रितने और जिले के कई हिस्सों में भू-जल खारा होने के कारण संभागीय अधिकारियों, पाली के प्रशासनिक अधिकारियों व जलदाय विभाग को विकल्प तलाशने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। जल संकट को लेकर संभागीय आयुक्त राजेश शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जलदाय विभाग, सिंचाई विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों से चर्चा की। इसमें फिलहाल स्थानीय स्रोतों से 96 घंटे के अंतराल से जितने अधिक दिन तक जलापूर्ति की जा सके। उस पर जोर दिया गया। बैठक में जिला कलक्टर अंशदीप, जलदाय विभाग अधीक्षक अभियंता जगदीशप्रसाद शर्मा,
चीफ इंजीनियर नीरज माथुर, सिंचाई के अधीक्षण अभियंता मनीष परिहार आदि मौजूद रहे।पानी की मात्रा घटाकर लाएंगे 16-17 एमएलडी पर पाली शहर में पहले 43 एमएलडी पानी की जरूरत थी। जिसे अब 96 घंटे से जलापूर्ति कर 35 के करीब लाया गया है। अब उसे घटाकर पहले 26 एमएलडी पर व उसके बाद पानी अधिक कम होने पर 16-17 एमएलडी पर लाया जाएगा।ट्रेन से 10 एमएलडी पानी लाना प्रस्तावित पाली के लिए पानी का कोई विकल्प नहीं रहने पर ट्रेन से पानी लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए रेलवे के डीआरएम को पत्र लिख दिया गया है। जलदाय विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर भी उनसे मिलकर आए है। अभी ट्रेन से पाली तक रोजाना 10 एमएलडी पानी लाना प्रस्तावित किया गया है। यह पानी जवाई से डेड स्टोरेज से पानी लेना शुरू करने के बाद लाया जाना है।
छोडऩा होगा 200 एमसीएफटी पानी जवाई बांध के डेड स्टोरेज में अभी 550 एमसीएफटी पानी होना मानकर योजना तैयार की गई है। इसमें से 200 एमसीएफटी जवाई के मगरमच्छों व अन्य जीवों के लिए छोड़ा जाएगा। इस तरह जवाई के डेड स्टोरेज से भी करीब 300 एमसीएफटी पानी ही मिल सकेगा।दो साल बाद फि र वाटर ट्रेन की नौबत बैठक में बताया गया कि अभी 20 दिन तक स्थिति देखने के बाद पाली जिले के लिए वाटर ट्रेन चलाने की नौबत आ सकती है। इससे पहले 2019 में वाटर ट्रेन चली थी। यदि 15 सितम्बर तक मानसून की बारिश नहीं हुई तो यह ट्रेन शुरू होगी। लेकिन यह भी पूरे साल चला पानी काफी मुश्किल काम होगा।पाली की स्थिति विकट होगी कंटीजेंसी प्लान को आगे लगातार रखा जाएगा
बारिश नहीं हुई तो पाली जिले में स्थिति विकट होगी। आगामी दिनों में वाटर ट्रेन की तैयारी की जाएगी। नए ट्यूबवेल खोदने का भी सर्वे करवाया जाएगा। – नीरज माथुर, मुख्य अभियंता, पीचएइडी, जोधपुरबांधों से इस तरह दिया जाएगा जिले में पानी जवाई से – सुमेरपुर, पाली, रोहट रायपुर-लूणी (80 एमसीएफटी) बांध से रायपुर को सरदार समंद (72 एमसीएफटी ) से सोजत से जोड़ेंगे मीठड़ी बांध (53 एमसीएफटी) को बाली को बाणियावास (95 एमसीएफटी) से पाली को सादड़ी (84 एमसीएफटी) से देसूरी को कंटालिया (26 एमसीएफटी) से मारवाड़ जंक्शन व सोजत रोड तथा स्थानीय स्रोत से जोगड़ावास प्रथम व द्वितीय (56 एमसीएफटी) से पाली व मारवाड़ जंक्शन को